क्यों हमारे ‘खून के प्यासे’ होते हैं ये जालिम मच्छर…?

0 अजय बोकिल कोरोना वायरस के आंतक ने मानो हमे हमारी पुरानी बीमारियां जैसे कि मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनियां आदि लगभग भुला ही दिया है। शायद...

राम मंदिर शिलान्यास: ‘मुहूर्त’ पर बवाल और हाशिए पर ‘लाल’…

अजय बोकिल ज्योतिष पत्रकारिता तो होती है, लेकिन पत्रकारिता में न तो ज्योतिष और न ही कोई मुहूर्त होता है। अगर होता भी है तो...

ओबामा की कसौटी: राहुल के सवाल व ‘ट्रोल-सेना’ की हुर्रेबाजी

0 उमेश त्रिवेदी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी बेस्ट सेलर बुक ’द ऑडेसिटी ऑफ होप’ में राजनीति का कटु सत्य उजागर करते...

सरकारी चश्मे: सवाल ‘मी-लॉर्ड’ की नजर नहीं, नजरिया बदलने का है

उमेश त्रिवेदी   अब मुंबई हाईकोर्ट के हर न्यायाधीश को चश्मा खरीदने के लिए हर साल 50 हजार रूपए सालाना भत्ता मिला करेगा, ताकि वो...

भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए नेल्सन मंडेला के विचारों की प्रासंगिकता

18 जुलाई को पूरी दुनिया में ‘अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित करते...

संकट में अर्थव्यवस्था

अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने दुनिया के मंदीकाल में प्रवेश होने की बात स्वीकार की है। जाहिर-सी बात है कि कोरोना वायरस से छिन्न-भिन्न अर्थतंत्र में ऐसी...