15 लाख के ड्रग्स के साथ राजधानी में ड्रग्स के बड़े रैकेट का खुलासा

रायपुर । राजधानी में ड्रग्स के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है। 15 लाख के ड्रग्स के साथ रायपुर पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी ड्रग्स पैडलर हैं, जो ना सिर्फ नशे के समान की सप्लाई किया करते थे, बल्कि नये ग्राहक की तलाश भी किया करते थे। आज आईजी आनंद छाबड़ा, एसएसपी अजय यादव ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर नशे के सौदागरों के रैकेट का खुलासा किया। कमाल की बात ये है कि इस ड्रग के केस का पहला मामला 30 सितंबर को रजिस्टर्ड किया गया और 9 दिन के भीतर 15 लाख के ड्र्ग्स के साथ 7 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
ड्रग्स केस में इस तरह से हुई थी जांच की शुरूआत
30 सितंबर को बैरनबाजार पॉलिटेक्निक के सामने दो लोगों को MDMA के साथ गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने जब इन दोनों को पकड़कर मामले की जांच आगे बढ़ायी तो एक के बाद एक तार इस केस से जुड़ते चले गये। इस गिरफ्तारी के दो दिन बाद ही रायपुर के ही दो आरोपी पंचशील नगर के रमेश झाबक और कोटा के सुरेंद्र बंछोर को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से भी कोकीन बरामद किया गया था। दोनों के पास से मिली 17 ग्राम कोकीन की कीमत 1 लाख 70 हजार रुपये की थी। इन चारों ने खुलासे में कई ऐसे चौकाने वाले नामों को बताया, जिसने पुलिस को भी चौका दिया। जिसके बाद एसएसपी के निर्देश पर सायबर सेल और कोतवाली थाना की एक विशेष टीम गठित की गयी।
कोड वर्ड से होता था नशे का कारोबार
ड्रग्स के कारोबार में सेटिंग और सस्पेंस दोनों का खेल चल रहा था। खास कोड वर्ड का इस्तेमाल ये लोग करते थे। ड्रग को चाकलेट, केक जैसे नामों से संबोधित किया जाता था। साथ ही ड्रग्स पैडलर का भी नाम कोड वर्ड के तौर पर ही लिया जाता था, ताकि मामला खुलने पर ये पुलिस की पकड़ से दूर रहे।
मिन्हाज-अभिषेक के विवाद बनी थी ड्रग्स कंपनी की दो टीम
अब तक की तफ्तीश में मिन्हाज का नाम सामने आया है, जो छत्तीसगढ़ में ड्रग्स का पहला कारोबारी था। बिलासपुर के मिन्हाज ने अभिषेक उर्फ डेविड को अपनी टीम शामिल किया, लेकिन नशा कंपनी की ये दोस्ती ज्यादा नहीं चली, पैसे को लेकर दोनों में विवाद हो गया, जिसके बाद दोनों ने अपना अलग-अलग कारोबार शुरू किया। अभिषेक ने इस दौरान अपनी टीम को बड़ा करना शुरू किया और इसमें एलिन सोरेन को शामिल कर लिया। ऐलिन स्टूडेंट है और गोवा में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा था। ऐलिन गोवा में गोवा में ड्रग्स का कारोबार करने वाले नाइजीरियन के संपर्क में आया और उसी कारोबार में शामिल हो गया। एलिन सोरेन ने गोवा में अभिषेक शुक्ला उर्फ डेविड़ का संपर्क नाइजीरियन (नीग्रो) से कराया तब से अभिषेक अपने पेडलर रोहित आहूजा और राकेश अरोरा के साथ कई बार जाकर ड्रग्स गोवा से लेकर आये और बिक्री करने लगे। लक्ष्मण गाईन जो जी.आर.पी. में आरक्षक के पद पर बिलासपुर में कार्यरत है ने अभिषेक को ड्रग्स के लिये पैसा फायनेंस प्रारंभ कर दिया।
अभिषेक और लक्ष्मण बिलासपुर में क्रिकेट खेलने के दौरान संपर्क में आये थे तब से कई बार लक्ष्मण की वर्ना कार से भी ड्रग्स लेने गोवा गये है। 27 सितंबर को भी लक्ष्मण और अभिषेक रायपुर में ड्रग्स की डिलीवरी करने आये थे जो पुलिस को भनक लगने पर भाग गये। रोहित और राकेश अरोरा को रायपुर व बिलासपुर में एक बार का ड्रग्स सप्लाई करने पर 1,000/- रूपये अभिषेक द्वारा दिया जाता था। चूंकि राकेश और रोहित गरीब तबके से है इसलिये अभिषेक ने उनको पैसा उधार लेने पर 8 प्रतिशत ब्याज लेकर दबा रखा था और राकेश की एक्टिवा वाहन को भी रख लिया था।

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