अधिकांश विधायक नहीं कराना चाहते अपना कोरोना टेस्ट

क्षेत्र व प्रदेश में गलत संदेश जाने की संभावना
रायपुर / विधानसभा का सत्र 25 से 28 अगस्त को आहूत है। विधानसभा सचिवालय ने कोरोना से सुरक्षा के सारे उपाय किये है। सब कुछ चाक चौबंद है। सभी विधायकों व अधिकारी कर्मचारियों का भी 24 अगस्त को कोरोना की जांच की जाएगी यह तय किया गया था। इसी बीच मीडिया को इस बात की जानकारी मिली है कि अधिकांश विधायक व अधिकारी अपनी जांच नहीं करना चाहते,उन्होंने इस जांच से मना कर दिया है। इस बात से विधानसभा में कोरोना से सुरक्षा के उपाय में कमी की संभावना बन गई है। यह संदेश भी विधायकों के क्षेत्र व प्रदेश के लिए गलत जाएगा कि हमारे विधायक ही जांच करने में इतने डरते हैं तो हम क्यों कराएं जांच ?
सूत्रों के अनुसार विधायकों ने इस आशय की सूचना सचिवालय को मौखिक रूप से दे दी है। विधानसभा सचिवालय अब चिंतित है कि अब कैसे पूरी सुरक्षा की बात की जाए। उसके बावजूद अधिकारी इस बात से निश्चिंत हैं कि सुरक्षा व्यवस्था ठीक ही रहेगी। ज्ञात हो कि इसके पहले भी विधानसभा की एक समिति की बैठक में शामिल हुए विधायक दलेश्वर साहू को बैठक के बाद में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और विधान सभा को सचिवालय कई दिनों के लिए बन्द करना पड़ा था। आने वाले मानसून सत्र के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से जनता व यहां तक की पत्रकारों को भी सत्र में प्रवेश करने से मना कर दिया गया है,और तो और मंत्री के एक पीए को छोड़ किसी को भी प्रवेश देने से मना कर दिया गया है। पीए को भी लॉबी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा वे बाहर ही मौजूद रहेंगें।
इतनी मनाही सिर्फ विधायकों व स्टाफ की सुरक्षा के दृष्टिकोण से की गई है और अधिकांश विधायक खुद ही कोरोना टेस्ट से मना करके ना सिर्फ इस सुदृढ़ व्यवस्था को भंग करने पर तुले हैं बल्कि स्वयम को खतरे में डाल रहे हैं। यह भी कि अपने क्षेत्र के लोगों को गलत संदेश दे रहे हैं। हालांकि जानकारी के अनुसार विधायकों ने कहा है कि अगर उन्हें किसी प्रकार के लक्षण दिखे तो वे टेस्ट करा लेंगें, परन्तु वे यह भूल रहे हैं कि आजकल बगैर किसी लक्षण के भी पाजेटिव केस आ रहे हैं। उस स्थिति में मानसून सत्र में कोरोना सुरक्षा के मामले में कैसे निश्चिंत रहा जाएगा , यह प्रश्न खड़ा हुआ है।

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