* 110 मि.टन उत्पादन, 13 मि.टन खरीदी कैसे? उठा सवाल
* पहले चर्चा हो चुकी, फिर चर्चा नहीं हो सकती, स्थगन अग्राह्य
रायपुर/ उत्पादन से अधिक धान खरीदी का मामला सदन में शून्यकाल में डॉ. चरणदास महंत ने उठाया। आरोप लगाया कि इसमें 13000 करोड़ का घपला हुआ है। आसंदी स्थगन स्वीकार कर लें हम एक एक बात इस मामले में खोलेंगे। किन किन लोगों व संस्थाओं को लाभ दिया गया है। यह ज्यादा खरीदी कैसे हुई है। 36 प्रतिशत की यह बढ़ोतरी भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रही है। उमेश पटेल ने आरोप का समर्थन करते हुए कहा कि ज्यादा ख़रीदी की गई। बाहर का धान खरीदा गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा मामला महत्वपूर्ण है। सीएम के क्षेत्र में 8 इलाके में धान ही नहीं था। वहां बाहर से धान खरीदी कर दर्शाया गया है। आंकड़े जो विभाग दे रहा है अलग अलग और गलत सलत दिए जा रहे हैं। बाहर से खरीदी करके भारी भ्रष्टाचार किया गया है। अनेक कांग्रेस विधायकों ने इस आरोप का समर्थन किया। धरमलाल कौशिक ने विरोध करते हुए कहा कि यह विषय पहले भी आ चुका है ,और चर्चा हो चुकी है। दोबारा चर्चा नहीं होनी चाहिए। अध्यक्ष डॉ रमनसिंह ने व्यवस्था देते हुए कहा कि इस विषय पर पर्याप्त चर्चा हो चुकी है। बजट चर्चा में भी बातें आ चुकी हैं। स्थगन सूचना को अग्राह्य कर दिया गया। इस व्यवस्था से असंतोष प्रकट करते हुए भूपेश बघेल ने कहा की यह सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने -दबाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कहते हुए विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
चाम्पा-जांजगीर के विधायक व्यास कश्यप ने कहा कि उनके क्षेत्र में 1.26 लाख किसान पंजीकृत हैं और 1.29 लाख किसानों से खरीदी बताई गई है। मामले पर सहमति देते हुए विक्रम मंडावी, दलेश्वर साहू, लालजीत सिंह राठिया ने भी इसी विषय पर शून्यकाल में अपनी बात रखी।