छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 71 प्रतिशत मतदान

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत बीस विधानसभा क्षेत्रों में आज छिटपुट घटनाओं के बीच मतदान संपन्न हुआ। ताजा जानकारी के अनुसार शाम पांच बजे तक करीब इकहत्तर प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। सबसे अधिक उनयासी प्रतिशत मतदान भानुप्रतापपुर में और सबसे कम इकतालीस प्रतिशत बीजापुर में दर्ज किया गया है। ये अंनतिम आंकडे हैं, इनमें परिवर्तन हो सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में करीब इकहत्तर प्रतिशत, कवर्धा में तिहत्तर, खैरागढ़ में छिहत्तर, डोंगरगढ़ में सतहत्तर, राजनांदगांव में चौहत्तर, डोंगरगांव में छिहत्तर, खुज्जी में बहत्तर और मोहला-मानपुर में छिहत्तर प्रतिशत वोट डाले गए हैं। इसी तरह, अंतागढ़ में सत्तर प्रतिशत, कांकेर में छिहत्तर, केशकाल में चौहत्तर, कोंडागांव में छिहत्तर, नारायणपुर में चौंसठ, बस्तर में इकहत्तर, जगदलपुर में पचहत्तर, चित्रकोट में सत्तर, दंतेवाड़ा में तिरसठ और कोंटा में पचास प्रतिशत मतदान होने की खबर है।
पहले चरण में पच्चीस महिलाओं सहित कुल दो सौ तेईस उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें प्रमुख रूप से भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, आदिम जाति कल्याण मंत्री मोहन मरकाम, विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, लता उसेंडी, विक्रम उसेंडी और महेश गागड़ा शामिल हैं। इन सभी का भाग्य आज ईव्हीएम में कैद हो गया है।

आज जिन बीस विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ है, उनमें से ज्यादातर क्षेत्र माओवाद प्रभावित हैं। इसे देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदान का समय अलग-अलग तय किया था और हर केन्द्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। दस विधानसभा क्षेत्रों – अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा और मोहला-मानपुर में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक वोट डाले गए। वहीं, दस अन्य विधानसभा क्षेत्रों – पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान हुआ। पहले चरण के लिए इन विधानसभा क्षेत्रों में पांच हजार से ज्यादा मतदान केन्द्र बनाए गए थे। महिला मतदाताओं की मदद के लिए दो सौ संगवारी और ग्यारह आदर्श मतदान केन्द्र बनाए गए थे। संगवारी केन्द्रों में मतदान की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी गई थी। पिछले बार जहां मतदान प्रतिशत कम था, उसे बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया। वहीं, मतदान केन्द्रों में ही सेल्फी जोन भी बनाए गए थे, जिसे लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया।
कांकेर जिले में निर्वाचन आयोग ने तृतीय लिंग सहित सभी वर्गों की चुनाव में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक अभिनव कदम उठाते हुए पखांजूर इलाके में ‘रेनबो मॉडल मतदान केन्द्र’ स्थापित किया था। इस इलाके में तृतीय लिंग के मतदाताओं की संख्या अधिक है। इस मतदान केन्द्र में सुरक्षाकर्मी के रूप में भी तृतीय लिंग के व्यक्तियों को ही तैनात किया गया था।

मतदान को लेकर आज युवा वर्ग से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं में काफी उत्साह देखा गया। मतदान केन्द्रों में सुबह से ही लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं। कांकेर जिले के ग्राम मुसुरपुट्टा में एक सौ बारह वर्षीय बुजुर्ग महिला फुलकी बाई भारती ने मतदान किया। वहीं, पखांजूर में एक सौ दो साल के कनक मंडल ने वोट डाला और शतायु वोटर के नाम से मतदान केन्द्र में ही पौधारोपण किया। कवर्धा में पंचानवे साल की जुबिन बी. ने मतदान केन्द्र पहुंचकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की मदद के लिए स्काउट और गाइड के कैडेट्स हर पोलिंग बूथ पर मौजूद थे। वहीं, डांगरगढ़ में सरदार अमृत सिंह, शादी के जोड़े में अपने परिवार के सदस्यों के साथ मताधिकार का उपयोग करने मतदान केन्द्र पहुंचे।
बस्तर संभाग में आज एक सौ छब्बीस गांवों के लोगों को आजादी के बाद पहली बार अपने ही गांव में वोट डालने का मौका मिला। इस चुनाव में इन गांवों में पहली बार मतदान केन्द्र बनाए गए थे। वही, सुकमा जिले के माओवाद प्रभावित कारीगुंडम इलाके में तेईस साल बाद लोगों ने मतदान किया।