भाटापारा। ‘छंद के छ’ आनलाइन गुरुकुल की स्थापना दिवस के सुअवसर पर दिनांक 22 मई को राजनांदगांव के आदिवासी भवन में पुस्तक विमोचन, छंद रतन सम्मान व राज्य स्तरीय काव्य गोष्ठी का आयोजन रखा गया था। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में आठ छांदस काव्य कृतियों का विमोचन किया गया। इस क्रम में भाटापारा नगर के शिक्षक व बाल साहित्यकार कन्हैया साहू ‘अमित’ के दो मौलिक छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह ‘जयकारी जनऊला’ और ‘फुरफुन्दी’ विमोचित हुईं। विदित हो कि ‘जयकारी जनऊला’ में 1100 जनऊला जयकारी छंद में सृजित है। वहीं ‘फुरफुन्दी’ में 52 छत्तीसगढ़ी बाल कविताएँ विभिन्न छंदों में सृजन किया गया है। इन दोनों किताबों का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ी बाल साहित्य को समृद्ध करना है। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में इस महत्वपूर्ण कार्य हेतु कन्हैया साहू ‘अमित’ को ‘छंद रतन सम्मान 2022’ प्रदान कर सम्मानित किया गया है। शाल, श्रीफल व प्रशस्ति पट्टिका सम्मान स्वरूप प्राप्त हुए। इनके इस उपलब्धि में छंदाचार्य निगम जी व ‘छंद के छ’ परिवार की आधारभूत भूमिका है। कार्यक्रम के तीसरे व अंतिम सत्र में राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का सरस आयोजन हुआ जिसमें उपस्थित सभी छंद साधकों सरस काव्य प्रस्तुतियां दी।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजन यादव, केंद्रीय गोड़ महासभा के राष्ट्रीय महासचिव नीलकंठ गढ़े, सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार पीसीलाल यादव, भाषा व व्याकरण विद डॉ. विनोद वर्मा, विरेन्द्र बहादुर सिंह, साहित्यकार कुबेर साहू और ‘छंद के छ’ के संस्थापक छंदविद् अरुण निगम जी उपस्थित थे। प्रतिवर्ष स्थापना दिवस पर आयोजन होने वाले इस गौरवपूर्ण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के 27 जिलों से लगभग 200 छंद साधकों की उपस्थिति थी। यह स्थापना दिवस 2016 से प्रारंभ हुआ है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिला मुख्यालय में प्रतिवर्ष यह गरिमामयी कार्यक्रम संपन्न होता है। इस वर्ष आयोजन का दायित्व राजनांदगांव जिले के छंद साधकों ने एकजुटता के साथ सफलतापूर्वक निभाए।
कन्हैया साहू ‘अमित’ के इस दोहरे उपलब्धि पर अजय अमृतांशु, चोवाराम ‘बादल’, मनीराम ‘मितान’ कौशल साहू ‘फरहदिया’ मोहन वर्मा, इंद्राणी साहू ‘साँची’ आशुतोष साहू, जगदीश साहू, हेमंत कुमार ‘अगम’, संदीप परगनिहा, मोहन निषाद, संतोष फरिकार, कन्हैया श्रीवास, चंद्रकिरण शर्मा, खुशबू शर्मा, वंदना शर्मा ‘शैली’, स्वर्ण लता त्रिवेदी, सीमा अवस्थी व समस्त अभिव्यक्ति साहित्य परिवार भाटापारा ने बधाई देते हुए हर्ष व्यक्त किए।