नई दिल्ली/ करवा चौथ, धनतेरस और दिवाली के मौके पर सोना खरीदने वालों के लिए अभी भी फायदे का सौदा है। जनवरी से अब तक करीब 27 फीसद से अधिक रिटर्न देने वाला सोना अपने सर्वोच्च शिखर से अभी भी 5414 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता है। हालांकि अक्टूबर में इसकी कीमतों में 398 रुपये की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अगस्त के रेट की तुलना में यह अभी भी सस्ता है। सात अगस्त को सोना 56126 रुपये प्रति 10 ग्राम व चांदी 75013 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से बंद हुई थी। इस दिन सुबह सोना ऑलटाइम हाई रिकॉर्ड स्थापित करते हुए 56254 रुपये पर खुला था।
करवा चौथ, धनतेरस और दिवाली को देखते हुए कारोबारियों को मांग में तेजी की उम्मीद है। पिछले साल 29 अक्टूबर को सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव 38321 रुपये था और इस साल इसी डेट को 50840 रुपये। यानी पिछले साल की तुलना में सोना 12519 रुपये चढ़ चुका है। अगर चांदी की बात करें तो चांदी इस साल के अपने उच्च भाव से 16082 रुपये प्रति किलो तक टूट चुकी है। जबकि इस महीने चांदी के रेट में महज 48 रुपये की गिरावट आई। साल 2019 की तुलना में चांदी 14086 रुपये महंगी हो चुकी है। 29 अक्टूबर सर्राफा बाजारों में चांदी का हाजिर भाव 45840 रुपये किलो था।
संभलर करें सोने में निवेश
इस साल सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड रिसर्स) अनुज गुप्ता का कहना है कि केवल ऊंचे रिटर्न देखकर सोने में निवेश घाटे का सौदा हो सकता है। गुप्ता का कहना है कि सोने की कीमतों में तेजी कोरोना संकट और आर्थिक अनिश्चितता की वजह से आ रही है। यदि इसका टीका तैयार हो गया तो कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसे में संभलकर और थोड़ी-थोड़ी खरीदारी फायदेमंद हो सकती है।