– अरुण पटेल
गुना जिले के बमोरी और मुंगावली विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव की तिथि की घोषणा के साथ ही रण सजने लगा है। दोनों ही क्षेत्रों में कांग्रेस ने अधिकृत उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं और भाजपा के उम्मीदवार एक प्रकार से पहले से ही तय हैं। बहुजन समाज पार्टी ने अभी तक अपने पत्ते यहां नहीं खोलें हैं और उसके उम्मीदवारों का ही इंतजार किया जा रहा है, ताकि यह पता चल सके कि वह केवल चुनाव लड़ने के लिए ही चुनाव लड़ रही है या फिर त्रिकोणी लड़ाई बनाने के मकसद से मैदान में उतरेगी। बमोरी और मुंगावली दोनों में ही भाजपा उम्मीदवारों को जिताना भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए नाक का सवाल बना हुआ है क्योंकि दोनों ही उनके खास हैं।
यहां पर सीधे-सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है और उनकी चुनावी नौका पार लगाना उनकी नाक का सवाल है। कमलनाथ की कांग्रेस सरकार और भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री रहे महेंद्र सिंह सिसोदिया और मुंगावली से शिवराज सरकार के राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह यादव भाजपा उम्मीदवार होंगे। बमोरी में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सिसोदिया का मुकाबला शिवराज सरकार में राज्य मंत्री रहे कन्हैयालाल अग्रवाल और यादव का सामना कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया राम लोधी से होगा। दोनों ही क्षेत्रों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है क्योंकि उन्होंने सर्वे के आधार पर और अपनी पसंद से उम्मीदवारों का चयन किया है। देखने वाली बात यही होगी कि यहां के मतदाता सिंधिया और कमलनाथ में से किसकी प्रतिष्ठा अपने जन समर्थन की मोहर लगाकर महिमा मंडित करेंगे।
भाजपा के महेंद्र सिंह सिसोदिया 2008 से क्षेत्र में हुए हुए तीनों चुनाव कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में लड़ चुके हैं और पहली बार हारे हैं और उसके बाद लगातार दो चुनाव जीते हैं और अब तीसरी बार विधानसभा में प्रवेश करने के लिए भाजपा के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं। उनका मुकाबला इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में कन्हैया लाल रामेश्वर अग्रवाल से हो रहा है और अग्रवाल से तीनों चुनाव में उनकी भिड़ंत होती रही है। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर अग्रवाल बतौर निर्दलीय उम्मीदवार 2018 का चुनाव लड़े थे और उन्हें 28488 मत मिले थे जो कि दूसरे पायदान पर रहे भाजपा उम्मीदवार बृजमोहन आजाद से लगभग 5.27 प्रतिशत कम थे। 18 प्रतिशत मत अग्रवाल के अपने व्यक्तिगत थे और इसी उम्मीद में कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है कि इतने वोटों का उनका अपना आधार है।
वैसे इस क्षेत्र में लगातार सिसोदिया की लोकप्रियता में इजाफा होता रहा है लेकिन वह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में ही हुआ है और इस जनाधार को यदि वे अपने साथ भाजपा में ले जा पाए तो फिर उनकी राह आसान हो जाएगी। वैसे कांग्रेस ने यहां पर अग्रवाल की चुनावी नौका पार लगाने की जिम्मेवारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र तथा कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जयवर्धन सिंह को सौंप रखी है। बमोरी क्षेत्र 2008 से अस्तित्व में आया है और पहले चुनाव में भाजपा के कन्हैया लाल अग्रवाल ने कांग्रेस के महेंद्र सिंह सिसोदिया को 4778 मतों से पराजित किया तो 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी सिसोदिया ने शिवराज सरकार के राज्यमंत्री अग्रवाल को 18561 मतों के भारी अंतर से पराजित किया और 2018 में उन्होंने भाजपा के बृजमोहन सिंह आजाद को 27929 मतों से शिकस्त दी।
मुंगावली क्षेत्र मे उपचुनाव को मिलाकर 6 चुनाव हो चुके हैं और अब सातवीं उपचुनाव की आहट गूंज रही है। लगभग 3 साल से कम समय में भाजपा के बृजेंद्र सिंह यादव तीसरा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। दो चुनाव वह जीत चुके हैं और तीसरे में पाला बदलकर भाजपा के चिन्ह पर मैदान में होंगे। कांग्रेस ने यहां से कन्हैया राम लोधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। एक उपचुनाव और एक आमचुनाव में यादव लगभग 2500 से कम मतों के अंतर से जीते थे इसलिए इस उपचुनाव में विधानसभा में प्रवेश के लिए उन्हें लोधी से कड़ी टक्कर मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। इस क्षेत्र में अभी तक 1998 से यदि देखा जाए तो 6 चुनाव हुए हैं और उसमें से दो बार भाजपा को और चार बार कांग्रेस को सफलता मिली है। पुराने रुझान को देखते हुए इस क्षेत्र में कांग्रेस की पकड़ मजबूत नजर आ रही है इसी कारण यहां कड़े चुनावी मुकाबले के आसार हैं। 1998 में भाजपा के राव देशराज सिंह ने कांग्रेस के राजेंद्र लोधी को 7736 मतों से चुनाव हराया। 2003 में कांग्रेस के गोपाल सिंह चौहान ने भाजपा के राव देशराज सिंह यादव को 9756 मतों के अंतर से शिकस्त दी। 2008 के चुनाव में भाजपा के यादव ने कांग्रेस के अरविंद कुमार अब्बी को 21045 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। 2013 में कांग्रेस के महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने भाजपा के देशराज सिंह को 5436 मतों से पराजित कर दिया। कालूखेड़ा के निधन के बाद हुए 2018 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह यादव ने भाजपा की राव बाई साहब देशराज सिंह यादव को 2123 मतों के अंतर से पराजित किया। 2018 के चुनाव में उन्होंने ही भाजपा उम्मीदवार डॉ. कृष्णपाल सिंह को 2136 मतों के अंतर से हराया। अब 2020 के चुनाव में वह भाजपा उम्मीदवार हैं।
और अंत में…
महेंद्र सिंह सिसोदिया कैबिनेट मंत्री है और बृजेंद्र सिंह सिसोदिया राज्यमंत्री मंत्री हैं। दोनों को अपने पद बचाए रखने लिए चुनाव जीतना जरूरी है इसलिए दोनों ही एड़ी चोटी का जोर लगाएंगे और 10 नवंबर को है पता चल सकेगा कि दोनों अपने पदों पर बने रहेंगे या नहीं।