लॉकडाउन के पहले और दूसरे दिन शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा

भाटापारा/ लॉकडाउन के पहले दिन बुधवार और दूसरे दिन शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। पुलिस के सख्त पहरे के कारण मोहल्लों में भी लोग नजर नहीं आए। पुलिस के पैट्रोलिंग वाहन लगातार सायरन बजाते घूमते रहे। मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप, डेयरी को छोड़कर सभी दुकानों के शटर गिरे हुए थे।कोरोना के बढ़ते संक्रमण और मौत के आंकड़ों ने जिला प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी है। लगातार समझाइश के बाद भी भीड़ नियंत्रित नहीं हो पा रही थी। बाजार व किराना दुकानों में लोगों की बढ़ती भीड़ और इसी रफ्तार से बढ़ रहे संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कलेक्टर सुनील जैन ने 23 से 29 सितंबर तक जिले के नगरीय निकाय क्षेत्रों में लॉकडाउन का आदेश जारी किया है। लॉकडाउन के पहले दिन से ही पुलिस व जिला प्रशासन की सख्ती नजर आई। पहले दिन शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर लॉकडाउन वन से लेकर आखिरी चरण में जैसी व्यवस्था थी उसी अंदाज में पुलिस मुस्तैद दिखाई दी। हर एक आने जाने वाले को रोकते रहे और पूछताछ करते रहे कि कहां व किस काम से जा रहे हैं। इसके अलावा आइडी भी मांगते रहे। कुछ ऐसे युवा भी मिले जो शहर की सड़कों पर माहौल देखने के लिए निकले थे। उन्हें पुलिस की डांट-फटकार सहनी पड़ी। सदरबाजार, सुभाषबाजार, महारानी चौक, बस स्टैण्ड ,ओव्हर ब्रीज ,मंडी रोड बलौदाबाजार रोड , नांदघाट रोड जैसे शहर के प्रमुख इलाकों में सन्नाटा पसरा रहा।
गलियों में भी पहुंची पुलिस
सुबह से ही शहर की प्रमुख जगहों पर पुलिस की निगरानी बढ़ गई थी। पुलिस की गश्ती भी तेज रही। स्पीकर के जरिए पुलिस के जवान घर में सुरक्षित रहने की अपील भी करते रहे। पुलिस की चौकसी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुबह से मुख्य मार्ग के अलावा मोहल्लों की सड़कों और गलियों में भी गश्त करते रहे। इसका असर भी दिखाई दिया। मोहल्लों की सड़कें और मोहल्ले के भीतर चौक में युवाओं का जमावड़ा कहीं नजर नहीं आया। मोहल्लेवासी भी घरों में नजर आए।
पल-पल की खबर लेते रहे कलेक्टर व एसपी
कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक अपने मातहतों के जरिए शहर के अलावा जिले के नगरीय निकायों में कानून व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेते रहे। अनुविभागीय अधिकारियों के अलावा पुलिस के अफसरों के जरिए हर एक निकाय की स्थितियों पर नजर रखे हुए थे। डेयरी निर्धारित समय पर खुलीं और तय समय पर बंद हो गईं। डेयरी दुकान में सुबह के अलावा शाम को भी लोगों की भीड़ लगी रही। डेयरी संचालक दुकान के सामने रस्सी लगाकर निर्धारित दूरी का अंतर रखे हुए थे। मेडिकल स्टोर व पेट्रोल पंपों के कर्मचारियों की आवाजाही लगी रही। इनके गले में आइडी लटकती रही। मेडिकल स्टोर संचालक अपने दोपहिया या चारपहिया वाहनों में जिला चिकित्सा संघ द्वारा जारी पहचान पत्र को लगाकर आते-जाते रहे। घरों में दूध की आपूर्ति करने वाले अन्य दिनों की अपेक्षा सुबह ही पहुंच गए थे। वे 29 सितंबर तक सुबह दूध की आपूर्ति करने आने की जानकारी भी देते रहे।
शहरवासियों के सहयोग से चेन तोड़ने में होंगे सफलः कलेक्टर
कलेक्टर सुनील जैन का कहना है कि लॉकडाउन को लोगो ने शहरवासियों ने प्रशासन की अपील को गंभीरता से लिया है। पूरे दिन कहीं से यह शिकायत नहीं आई कि लोग लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए सड़क पर निकल आए हैं। जरूरी कामकाज के सिलसिले में आने जाने वालों को छूट रहेगी। शर्त यही है कि आवाजाही के लिए समुचित कारण बताने होंगे। पहले दिन जिस तरह शहरवासी घरों में अपने परिवार के साथ रहे इसी तर्ज पर लॉकडाउन का पालन करना होगा। अगर आप घरों में रहे और लॉकडाउन के नियमों का गंभीरता से पालन किया तो कोरोना के संक्रमण को रोकने और चेन को तोड़ने में हम हर हाल में कामयाब होंगे। लॉकडाउन ही संक्रमण को रोकने और चेन को तोड़ने का एकमात्र विकल्प है। इस पर हमें गंभीरता के साथ सोचना होगा।
आज और कड़ा होगा पहरा, सख्ती भीः एसपी
पुलिस अधीक्षक आई के एलेेसेला का कहना है कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करना हम सबकी जिम्मेदारी है। संक्रमण तभी रुकेगा जब हम मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी के नियमों का गंभीरता के साथ पालन करें। हमें यह भी ध्यान में रखना होगा कि अनलॉक के बाद भी हमें मास्क लगाना होगा और खरीदारी करते वक्त एक निश्चित दूरी बनाकर रखनी होगी। तब भी हमारी कोशिश होनी चाहिए कि जब जरूरत हो तभी घर से निकलें। जरूरत का काम करें और सीधे घर जाएं। इससे हम स्वयं और परिवार के सदस्य सुरक्षित रहेंगे। जरा की लापरवाही बड़ी चूक में बदल सकती है। पहले दिन पुलिस की व्यवस्था ठीक रही। दूसरे दिन से कड़ाई बरती जाएगी। समझाइश के बाद भी बिना काम के अनावश्यक शहर की सड़कों पर घूमने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। संक्रमण के इस दौर में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। लॉकडाउन के नियमों का हर हाल में पालन करना होगा।
प्रशासन के सख्त नियम के बाद भी आमजनमानस घूमते नजर आये
जिला प्रशासन के सख्त निर्देश के बाद भी आज कुछ चौक चौराहो पर आम जनमानस घूमते नजर आये जो कि सीधे प्रशासन के सख्त निर्देशो का अवहेलना है ,जबकि इस लाॅकडाउन का मतलब है बढते संक्रमण कोराेना चैन के क रप्तार को रोकना यदि इसी प्रकार की आमजनमानस के व्दारा घूमते नजर दिखे तो इस लॉकडाउन का औचित्य ही नही रहा स्थानीय प्रशासन व पुलिस प्रशासन को विशेष रूप से इन आवाजाही को और कडा करना होगा ताकि जिस उददेश्य से जिला प्रशासन के व्दारा सख्त कडे निर्देश जारी हुये है उसका पालन हो सके और इस बढते कोरोना के संक्रमण चैन को रोका जा सके।

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