डाल-डाल और पात-पात घूम कर मिलेगी सत्ता की चाबी ?

– अरुण पटेल

प्रदेश में होने वाले 27 विधानसभा उपचुनावों में तू डाल- डाल तो मैं पात-पात की राह पर भाजपा और कांग्रेस चलती हुई नजर आ रही है और कोई भी एक दूसरे से पीछे नहीं रहना चाहती हैं, इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या डाल-डाल और पात-पात घूम कर ही मिलेगी सत्ता की चाबी ?भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलबदल करा रहे हैं। आज मंगलवार को ग्वालियर के भाजपा नेता डॉ. सतीश सिकरवार और उनके सैकड़ों समर्थकों ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जिस प्रकार सिंधिया समर्थकों के भाजपा मेंआने को लेकर उसके कुछ नेता और कार्यकर्ता नाखुश हैं तो वैसे ही सिकरवार के कांग्रेस में आते ही ग्वालियर जिला कांग्रेस कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन हुआ। बताया जाता है कि कांग्रेस नेता अशोक सिंह तोमर के समर्थकों ने प्रदर्शन किया है। इस संबंध में पूछे जाने पर ग्वालियर-चंबल संभाग के कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का निर्णय सभी को स्वीकार है।

भाजपा उपचुनाव प्रबंधन समिति ने तय किया है कि 15 माह की कमलनाथ सरकार की विफलताओं को उजागर करने के लिए भाजपा किसान मोर्चा सहित अन्य मोर्चा भी सभी 27 विधानसभा उपचुनाव क्षेत्रों में सितंबर माह की 25 तारीख से महाजनसंपर्क अभियान चलाएंगे। भाजपा नेता और कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देते हुए मतदाताओं को कमलनाथ सरकार की असलियत बताएंगे। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मतदाताओं से घर-घर जाकर संपर्क की योजना बना रहे हैं और उनको भाजपा नेताओं के जलवे और रुतबे की जानकारी देंगे। जनता को यह जानकारी दी जाएगी कि किस प्रकार उन्होंने अपना जलवा और रुतबा बचाने के लिए जनमत खरीदा है। आदिवासी इलाकों में किस प्रकार जानवर को खिलाए जाने वाले चावल को वितरित करवाया यह बात घर-घर पहुंचाई जाएगी। कांग्रेस सोशल मीडिया में व्यापक अभियान चलाएगी। गांवों की चौपालों पर जाकर भाजपा नेताओं के ठाठ-वाट और जलवों को बताएगी।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के बाद अब कल 9 सितंबर से 14 सितंबर तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की जोड़ी उपचुनाव वाले सभी क्षेत्रों में छह दिवसीय तूफानी दौरा करेगी। मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए लागत के निर्माण कार्य का भूमिपूजन और लोकार्पण किया जाएगा। इसमें सोलह सौ करोड़ रुपए के प्रस्तावित निर्माण कार्यों का भूमि पूजन किया जाएगा और एक हजार करोड़ रुपए के कार्यों का लोकार्पण होगा। इस प्रकार विकास कार्यों की मूसलाधार झड़ी लगेगी। भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में 27 विधानसभा क्षेत्रों में शुरू होने वाले घर-घर संपर्क अभियान की कार्ययोजना पर चर्चा हुई। इसके साथ ही चल रहे सेक्टर सम्मेलनों की समीक्षा की गयी। सेक्टर सम्मेलन के पश्चात विधानसभा क्षेत्रों में बूथ सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक तथा नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि कमलनाथ सरकार ने समाज के हर वर्ग के साथ वादाखिलाफी की। भारतीय जनता पार्टी का युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा एवं पिछड़ा वर्ग मोर्चा कमलनाथ सरकार की विफलताओं को लेकर बूथ स्तर तक पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि सभी मोर्चा चुनाव अभियान के माध्यम से जनता से संवाद करेंगे।
कांग्रेस का दावा है कि डॉ. सतीश सिकरवार के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आने से उन्हें ग्वालियर- चंबल संभाग के एक बड़े भाजपा नेता का साथ मिल गया है। सतीश सिकरवार मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक रह चुके सत्यपाल सिंह सिकरवार के बड़े भाई हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में सतीश सिकरवार ग्वालियर पूर्व से भाजपा उम्मीदवार थे और कांगेस के मुन्ना लाल गोयल से पराजित हो गए थे। कांग्रेस उन्हें फिर से उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बना सकती है और यदि ऐसा होता है तो चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो जायेगा। प्रत्याशी वही होंगे पर उनके बीच चुनाव निशान की अदला बदली होगी। सिकरवार ने कहा है कि वह चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में नहीं आए बल्कि कमलनाथ को मजबूत करने के लिए आए हैं। हम सालों से सामंतवाद से लड़ते रहे हैं और अब सामंत हमारी पार्टी में आ गए इसलिए हम कांग्रेस में आए। कांग्रेस का मानना है कि सिकरवार के आने से कांग्रेस को ग्वालियर और मुरैना जिले में ताकत मिलेगी। हालांकि प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है की इससे भाजपा को कोई झटका नहीं लगेगा। कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाजपा छोड़कर रोज हमारी पार्टी में आ रहे हैं कल भी कुछ लोगों ने प्रवेश लिया था आज भी कुछ नेता प्रवेश ले रहे हैं। हम इसे पब्लिसिटी या इवेंट का रूप नहीं देते, यह तो भाजपा की राजनीति है। कमलनाथ को भरोसा है कि मतदाता भले ही उनका और कांग्रेस के साथ ना दें, लेकिन सच्चाई का साथ जरूर देंगे। सिकरवार को कांग्रेस की सदस्यता दिलाते हुए कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्रजातंत्र को खरीदकर जनादेश का अपमान किया गया। सच्चाई का साथ देने का आपका निर्णय प्रदेश हित में है। कमलनाथ ने भाजपा से आने वाले नेताओं को भरोसा दिलाया कि अब कांग्रेस में महलों का दखल खत्म हो गया है। अब कांग्रेस में कोई महल नहीं है , आप सभी लोग कमलनाथ के घर में आए है।

और अंत में……..

राज्य सरकार का खजाना खाली होने के बावजूद रोज लगने वाली लोकलुभावन घोषणाओं की झड़ी के बारे में पूछे जाने पर डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि मन चाहिए कुछ कर गुजरने के लिए, भाषण नहीं चाहिए। संसाधन तो सभी जुट जाएंगे, संकल्प का धन चाहिए। शिवराज जी की इच्छा शक्ति है और सदैव से किसानों के हित में काम करते आए हैं। उन्होंने (कांग्रेस) सिर्फ कहा है और हमने (भाजपा)किया है।

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