

0 प्रधानमंत्री ने चौदह हजार करोड़ रूपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह दिन दूर नहीं, जब छत्तीसगढ़ सहित देश का हर हिस्सा माओवादी आतंक से मुक्त हो जाएगा। आज छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पच्चीस वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रायपुर में आयोजित राज्योत्सव-छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि माओवादी आतंक के कारण लंबे समय तक छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके, सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश को नक्सलवाद की समस्या से मुक्त बनाने का संकल्प लिया। इसी का नतीजा है कि ग्यारह साल पहले जहां देश में एक सौ पच्चीस जिले माओवाद आतंक की चपेट में थे। वहीं, अब सिर्फ तीन जिलों में ही नक्सल समस्या का थोड़ा प्रभाव बचा हुआ है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने चौदह हजार करोड़ रूपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं मुख्य रूप से सड़क, उद्योग, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब साढ़े तीन लाख परिवारों ने अपने पक्के मकानों में प्रवेश किया।
रजत महोत्सव के अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उइके और तोखन साहू तथा विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरूण साव सहित अनेक मंत्री और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री ने नवा रायपुर में राज्य के नये विधानसभा भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण भी किया। समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश विरासत और विकास को साथ लेकर चल रहा है। यह भावना केन्द्र सरकार के हर निर्णय और नीति में दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि भारत की यह सोच छत्तीसगढ़ विधानसभा के इस नये भवन में झलकती है। यह भवन राज्य की समृद्ध संस्कृति का प्रतिबिंब है। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने नवा रायपुर में शहीद वीरनारायण सिंह स्मारक और जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का लोकार्पण किया। यह संग्रहालय उन आदिवासी वीर नायकों को समर्पित है, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के विरूद्ध अपने प्राणों की आहूति दी थी और अपनी मातृभूमि की अस्मिता की रक्षा की थी। इस संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के साहस, बलिदान और देशभक्ति के विरासत को संरक्षित तथा प्रदर्शित किया गया है। यह देश का पहला डिजिटल संग्रहालय है, जिसमें अत्याधुनिक वीएफएक्स टेक्नोलॉजी, प्रोजेक्शन सिस्टम, डिजिटल स्क्रीन और मोबाइल पर क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा उपलब्ध है। इससे यहां आने वाला व्यक्ति हर कथा को डिजिटल माध्यम से अनुभव कर सकेगा। संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी आंदोलनों की जीवंत झलक दिखाई जाएगी।
वहीं, प्रधानमंत्री ने नवा रायपुर में स्थित श्री सत्य सांई संजीवनी अस्पताल पहुंचकर ‘‘दिल की बात’’ कार्यक्रम के तहत करीब ढाई हजार बच्चों के साथ संवाद भी किया। जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित इन बच्चों का इस अस्पताल में निःशुल्क सफल इलाज किया गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने इन बच्चों को जीवन का उपहार प्रमाण-पत्र सौंपा।
अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री ने नवा रायपुर में ब्रम्हकुमारी के शांति शिखर का भी उद्घाटन किया। यह आध्यात्मिक शिक्षा, शांति और ध्यान का आधुनिक केन्द्र है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास से देश का विकास होता है। इसी मंत्र पर चलते हुए वे भारत को विकसित बनाने के अभियान में जुटे हुए हैं।
