18.96 लाख की साइबर ठगी, आरोपी को हाई कोर्ट ने जमानत किया खारिज

 

बिलासपुर। हाई कोर्ट ने 18.96 लाख रुपए की साइबर ठगी के मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इस मामले के सह आरोपियों की जमानत याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ट्रायल कोर्ट को जल्द सुनवाई पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं।

इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर के समन्वय पोर्टल से मिली शिकायत के आधार पर रायपुर के सिटी कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि कोटक महिंद्रा बैंक से जुड़े 41 खातों में 1 जनवरी 2024 से 11 जनवरी 2025 के बीच 18 लाख 96 हजार 851 रुपए अवैध रूप से जमा किए गए। जांच में

सामने आया कि यह रकम साइबर फ्रॉड की आय थी। इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ रायपुर निवासी तुषार अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 317 (2), 317 (4), 317 (5) और 111 के तहत प्रकरण दर्ज है। उसने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। तर्क दिया कि निर्दोष है और उसे गलत तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने प्रशांत नाम के व्यक्ति से 51 हजार 500 रुपए शेयर ट्रेडिंग के लिए लिए थे, जो लौटा दिए गए। तुषार 12 जुलाई 2025 से जेल में है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। वहीं, राज्य सरकार की तरफ से जमानत देने का विरोध करते हुए बताया गया कि सह आरोपियों की जमानत याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है। हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।