0 जीएसटी सुधार को लेकर मुख्यमंत्री साय ने ली प्रेसवार्ता
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि जीएसटी 2.0 छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगा। रोजमर्रा की वस्तु शैंपू, तेल, मक्खन, पनीर, सिलाई मशीन, ट्रैक्टरों के पुर्जे, कृषि उपकरण, वस्त्र उद्योग सभी क्षेत्रों में आम जनता को लाभ मिलने वाला है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम साय ने कहा जीएसटी 2.0 में आम आदमी के जीवन में सुधार लाने और छोटे और माध्यम व्यापारियों सहित सभी के लिए व्यापार करने में सुगमता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि सरकार अगली पीढ़ी के जीएसटी में सुधार लाएगी, जिससे आम आदमी पर कर का बोझ कम होगा। यह आपके लिए दिवाली का तोहफा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुधारों से आम आदमी, किसानों, एमएसएमई, महिलाओं, युवाओं और मध्यम वर्ग के परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ होगा, जबकि देश की दीर्घकालिक वृद्धि को सुदृढ़ किया जाएगा। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप जीएसटी परिषद ने एक व्यापक सुधार पैकेज की अनुशंसा की है, जिसमें सरलीकृत दो-स्लैब संरचना (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) के साथ दर युक्तिकरण, आम आदमी, श्रम-केंद्रित उद्योगों, किसानों और कृषि, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ सेक्टरों में दरों में कटौती शामिल है।
*सभी उपयोगी वस्तुओं पर शून्य टैक्स*
श्री साय ने बताया कि कांग्रेस के समय 17 प्रकार के टैक्स और 13 प्रकार के सेस लागू थे। 101 वें संविधान संशोधन द्वारा 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले तक भारत में 17 प्रकार के टैक्स और 13 प्रकार के सेस लागू थे। प्रत्यक्ष कर की बातें करें तो आयकर की दर तो एक समय अधिकतम 97.5 प्रतिशत तक पहुंच गया था। पिछले वर्ष 12 लाख सालाना की आय को टैक्स फ्री किया गया। अब जीएसटी में चार स्लैब के बदले दो ही स्लैब रखने, सभी उपयोगी वस्तुओं पर कर शून्य करने और अनेक उत्पादों में कर 10 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है।
*90 प्रतिशत सामान सस्ते हुए, प्रत्येक परिवार को कम से कम 50 हजार की बचत*
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नए सुधार से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। रोजमर्रा की अनेक वस्तुएं जैसे तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन, पनीर, सिलाई मशीन से लेकर ट्रैक्टर व उसके कलपूर्जे व अन्य कृषि उपकरण तथा व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा, शैक्षणिक वस्तुओं के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक व ऑटोमोबाइल उत्पादों को किफायती बनाया गया है। जीएसटी कम होने का लाभ वस्त्र उद्योग को विशेष रूप से निर्यात के लिए होगा। एक परिवार जो अपने जीवन यापन के लिए 3 से 3.5 लाख प्रत्येक वर्ष खर्च करता है, उन्हें काम से कम इतना लाभ मिलेगा। यह सुधार कृषि क्षेत्र के लिए वरदान जैसा है। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, रोटावेटर में अलग-अलग तरह के जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। यह किसान के लिए लागत सक्षम कृषि में सहायक होगी।
*जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी दर घटाई गई है*
छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान प्रदेश है यहां कि 80 फीसदी आबादी कृषि करती है। जीएसटी की छूट से 25 हजार से 63 हजार तक की बचत केवल एक ट्रैक्टर की खरीदी पर होगी। 9 लाख रु के ट्रैक्टर पर 65 हजार की बचत 35 HP के ट्रैक्टर जिसकी कीमत लगभग 5 लाख 80 हजार होती थी इस पर 41 हजार रु कम देने होंगे। एक किसान के लिए ये रकम बचना बहुत ज्यादा मायने रखती है। देश भर में एक वर्ष में लगभग 9 लाख ट्रैक्टर बिकते हैं, जिसमें किसानों को सीधे 6 हजार करोड़ की बचत होगी।