रायपुर। छत्तीसगढ़ विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह 11 से 13 सितम्बर, तक कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरू में आयोजित (सीपीए) राष्ट्रकुल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के 11 वें सम्मेलन में भाग ले रहे हैं । लोकसभा अध्यक्ष मान. श्री ओम बिरला जी ने बेंगलूरू स्थित विधान सभा के भव्य प्रांगण में तीन दिवसीय सम्मेलन का दीप प्रज्जवलन कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में कर्नाटक के मान. मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया, राज्यसभा के मान. उपसभापति श्री हरिवंश, कर्नाटक विधान सभा के मान. अध्यक्ष श्री यू.टी. खादर फरीद, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित भारत के विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के विधान मंडल के पीठासीन अधिकारी एवं विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा सहित अन्य विधान मंडलो के सचिव भी उपस्थित थे।
सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधायी निकायों में जनता के दृढ़ विश्वास और सत्ता में बैठे लोगों की जवाबदेही की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और संविधान सभा के अन्य सदस्यों के योगदान को याद करते हुए चर्चा और आम सहमति के महत्व पर बल दिया। उन्होंने मान. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘‘एक राष्ट्र एक मंच’’ जैसी पहलों का उल्लेख करते हुए पारदर्शिता और सुगमता बढ़ाने के लिए विधान मंडलों और समितियों में प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग पर बल दिया। उन्होंने ‘‘डिजिटल संसद’’ जैसी पहलों पर प्रकाश डाला जिसका उद्देश्य संसद और विधान मंडलों को एक ही मंच पर लाया जा सकें ।
सम्मेलन में छत्तीसढ़ विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ‘‘विधायी संस्थानों में संवाद और चर्चा-जन विश्वास का आधार जन आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम’’ विषय अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। उनके संबोधन में लोकमंच की नींव माने जाने वाले संवाद बहस और सहमति की प्रक्रिया को जन अकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम कैसे बनाया जा सकता है, इस पर विशेष प्रकाश डाला जायेगा।