श्री सिंहदेव ने ‘हमर ग्रामसभा’ में बताया कि आर्थिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर हर ग्राम पंचायत को विकास की प्राथमिकता तय करना चाहिए। गांव के वर्तमान संसाधनों और वहां मौजूद सुविधाओं का आंकलन कर आगे के विकास की रूपरेखा बनानी चाहिए। उन्होंने बताया कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत गठित वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर पंचायतों को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही अलग-अलग विभागों की योजनाओं, जिला खनिज न्यास निधि और गौण खनिजों के राजस्व से भी पंचायतों को आर्थिक संसाधन मुहैया कराए जाते हैं। श्री सिंहदेव ने कार्यक्रम मंज ग्राम पंचायतों के कार्यक्षेत्रों एवं अधिकारों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।