*प्रतिभागियों को हाई क्वालिटी सीपीआर, डिफिब्रिलेशन, कार्डियोवर्शन और पेसिंग का सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया*
रायपुर। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं अम्बेडकर अस्पताल रायपुर के एनेस्थेसिया एवं पेन मैनेजमेंट विभाग द्वारा बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) एवं एडवांस कार्डियक लाइफ सपोर्ट (ACLS) पर आधारित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन चिकित्सा महाविद्यालय के चौथी मंजिल स्थित स्किल लैब में किया गया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य आकस्मिक हृदयाघात (कार्डियक अरेस्ट) एवं अन्य आपातकालीन स्थितियों में मरीज को समय रहते उपयुक्त जीवनरक्षक उपचार प्रदान करने के लिए डॉक्टरों एवं छात्रों को दक्ष बनाना था। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा मान्यता प्राप्त इस कोर्स में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को हृदय गति रुकने की स्थिति में कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) सहित कई महत्त्वपूर्ण जीवन रक्षक तकनीकों का अभ्यास कराया गया।
कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र, एम्स रायपुर के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र तथा जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों एवं फिजियोथैरेपिस्टों ने भाग लिया।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में हाई क्वालिटी सीपीआर, डिफिब्रिलेशन, कार्डियोवर्शन और पेसिंग का सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान मैनकिंस (डमी) पर प्रतिभागियों से बार-बार अभ्यास करवाया गया। प्रतिभागियों को टीम लीडर बनाकर रियल टाइम केस सीनेरियो के माध्यम से व्यवहारिक अभ्यास कराया गया।
पं. नेहरू मेडिकल कॉलेज की एनेस्थेसिया एवं पेन मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा जैन शाह इस कोर्स की कोऑर्डिनेटर एवं इंस्ट्रक्टर हैं। डॉ. प्रतिभा जैन ने प्रतिभागियों को दिल का दौरा एवं लकवे के लक्षणों की त्वरित पहचान और प्राथमिक उपचार की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को समूह में बाँटकर आपातकालीन स्थितियों में त्वरित एवं समन्वित चिकित्सा प्रबंधन की जानकारी प्रदान की।
डॉ. शिवम पटेल ने सीपीआर के चरणों की जानकारी देते हुए बताया कि 30 बार चेस्ट कंप्रेशन के बाद 2 बार साँस देना आवश्यक होता है। इस तकनीक को चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ – साथ हर व्यक्ति को जानना आवश्यक है। इसकी आवश्यकता को देखते हुए आजकल स्कूलों में भी इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण प्रदान करने वाली विशेषज्ञ टीम में सिम्स रायपुर की एनेस्थेसिया विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति, श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की डॉ. अनीषा नागरिया, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रतीक्षा अग्रवाल तथा इमर्जेंसी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. शिवम पटेल शामिल रहे।
कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने इस आयोजन को अत्यंत उपयोगी और शिक्षाप्रद बताया। कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों की लिखित व प्रायोगिक परीक्षा ली गई।