दुर्ग जिले की व्याख्याता को मिला राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान

दुर्ग । शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जेवरा सिरसा दुर्ग की फिजिक्स की व्याख्याता सपना सोनी इस वर्ष के राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए चयनित होने वाली राज्य से एकमात्र शिक्षक है तथा पूरे देश से केवल 47 शिक्षक की सूची में शामिल हुई हैं। उनका चयन विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन एवं अध्यापन कार्य में लगातार किए गए नवाचार के कारण हुआ है। उनके प्रयास से विगत 12 वर्षों से जेवरा सिरसा स्कूल के बच्चों का परीक्षा परिणाम बोर्ड परीक्षा में 93 से 100% तक रहा है।
 श्रीमती सपना सोनी द्वारा प्रशिक्षित बच्चे न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली स्पर्धाओं में अवार्ड पा रहे हैं। श्रीमती सोनी ने उनके द्वारा किए गए नवाचार के संबंध में बताया कि वर्ष 2009 में इसकी शुरुआत उनके द्वारा की गई थी। सर्वप्रथम उनके द्वारा अध्ययन एवं अध्यापन के कार्य को परंपरागत प्रणाली से हटकर एक्टिविटी ,एक्सपेरिमेंट एवं प्रैक्टिकल बेस्ड बनाया गया। साथ ही वर्किंग मॉडल को भी उनके द्वारा छात्र हित में प्राथमिकता दी गई।  उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जिले में सर्वप्रथम स्मार्ट क्लास जन सहयोग से प्रारंभ की गई। उनके द्वारा इसके लिए स्वयं ही कंटेंट वह भी हिंदी माध्यम में तैयार किए गए। साइंस के चैप्टर को बच्चों के लिए रुचिकर बनाकर उन्हें ई कंटेंट में तबदील किए जिसके परिणाम भी सुखद रहे किताबों के सिद्धांतों को एजुकेशन वीडियो और पीपीटी के माध्यम से पढ़ाई जाने के कारण कोर्स के प्रति बच्चों की समझ अपेक्षाकृत बढ़ गई । इसके अलावा उनके द्वारा कोर्स को प्रोजेक्ट बेस्ड ,सेमिनार और फील्ड विजिट करा कर सरल एवं आसान बनाया गया उन्होंने बताया कि यह सारे एक्टिविटी बेस्ड कार्य उनके द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश में ही किए जाते हैं।  जिसके कारण बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार होते हैं उन्होंने स्वयं का अनुभव बताते हुए कहा कि करिकुलम एक्टिविटी का व्यक्तित्व विकास में अहम भूमिका होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए लगातार इस क्षेत्र में कार्य किए गए जिसका परिणाम भी प्राप्त हुआ उनके बोल के छात्र-छात्राएं राज्य स्तर के एस्पायर अवार्ड के अलावा राष्ट्रीय स्तर में नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस, वर्किंग इंडिया साइंस फेयर, पंडित जवाहरलाल नेहरू साइंस एग्जीबिशन, नेशनल साइंस सेमिनार, नेशनल इंडिया साइंस अवॉर्ड के स्पर्धाओं में न सिर्फ हिस्सा लेते हैं बल्कि लगातार अवार्ड भी जीता रहे हैं। फिलहाल उनके स्कूल से 9 छात्र-छात्राएं नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस में चयनित हुए हैं । जबकि 2015 में 5 बच्चे चंडीगढ़ के लिए चयनित हुए थे इस बार नेशनल लेवल में 4 बच्चे का चयन त्रिवेंद्रम में नेशनल लेवल की स्पर्धा के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 15 से 20 बच्चों का चयन राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए होता है। जिसके कारण बच्चों द्वारा वैज्ञानिक बनने का संकल्प लिया गया है । बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम भी सुखद रहे हैं साइंस विषयों में बच्चे डिक्टेशन अंक लेकर उत्तीर्ण हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अध्ययन एवं अध्यापन कार्य की यह श्रृंखला बन चुकी है उनके द्वारा सीनियर बच्चों को तैयार किया जाता है और यह सीनियर बच्चे अपने जूनियर ओं को तैयार करते हैं। श्रीमती सोनी ने बताया कि उनके द्वारा स्कूल में गठित अंतरिक्ष क्लब में प्रतिवर्ष 500 से 600 बच्चे पंजीकृत होते जिनमें से हुए 200 से ढाई सौ बच्चों को तैयार करती हैं ।उनका मानना है कि बच्चे पढ़कर हटकर तैयार करने की अपेक्षा उनकी भूमिका राष्ट्र निर्माण में तय होनी चाहिए। जिला स्तर पर वह डिस्ट्रिक्ट रिसोर्ट ग्रुप अर्थात डीआरजी एवं राज्य स्तर पर स्टेट रिसोर्स ग्रुप एसआरजी है जो मास्टर ट्रेनर तैयार करती हैं ।साथ शासकीय हायर सेकेंडरी सर्टिफिकेट कमेटी के सदस्य भी हैं । उनके द्वारा उनके द्वारा दो रिसर्च ग्लाइसेमिक इंटेक्स एवं पॉन्ड वॉटर इलेक्ट्रिसिटी को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार भी किया जा चुका है।

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