रायपुर। प्रदेश के बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा जिलों में आज दो करोड़ सत्ताईस लाख रूपए से अधिक के इनामी छियासठ माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
बीजापुर जिले में पच्चीस माओवादियांं ने बस्तर पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदरराज, अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप और पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र यादव के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। इन माओवादियों पर एक करोड़ पंद्रह लाख रूपए का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पित माओवादियों में ओड़िशा में सक्रिय माओवादी नेता रमन्ना, नेशनल पार्क एरिया कमेटी के सदस्य सुक्खू और कमलू समेत बड़े कैडर के माओवादी शामिल हैं।
वहीं, दंतेवाड़ा जिले मेंं भी लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर पन्द्रह माओवादियांं ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से पांच माओवादियों पर सत्रह लाख रूपए का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पित माओवादियों में एक दम्पति भी शामिल हैं। ये माओवादी करीब बीस वर्षों से माओवादी संगठन में सक्रिय थे और इन पर विभिन्न घटनाओं में शामिल रहने का आरोप है।
उधर, कांकेर जिले में माओवादियों की मिलिट्री कंपनी नम्बर-एक के कमांडर सहित तेरह इनामी माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन सभी पर बासठ लाख रूपए का इनाम घोषित था। यह सभी माओवादी कांकेर जिले के रावघाट-परतापुर एरिया कमेटी और माड़ डिवीजन में सक्रिय थे।
वहीं, नारायणपुर जिले में आज कुल तैंतीस लाख रूपए के इनामी आठ माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें पीएलजीए बटालियन के प्लाटून-वन और प्लाटून-सिक्सटीन के पांच माओवादी शामिल हैं। हथियार बनाने वाली टीम के कमांडर मुकेश और उसके दो साथियों ने भी आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित माओवादियों में चार महिलाएं भी शामिल हैं।
उधर, सुकमा जिले में सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर पांच माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। ये सभी जगरगुंडा और चिंतलनार इलाके में सक्रिय थे।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि बस्तर संभाग में पिछले 18 महीनों के दौरान पन्द्रह सौ से अधिक माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
वहीं, बीजापुर में आत्मसमर्पण करने वाले एक माओवादी ने कहा है कि वह नक्सलियों की विचारधारा से तंग आ चुका था।
आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को पचास-पचास हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी गई। इन सभी को राज्य शासन की पुनर्वास नीति के अन्य प्रावधानों का भी लाभ दिया जाएगा।