देश में 1 जुलाई यानी मंगलवार से एक बार फिर महंगाई का तड़का लग गया है। हर महीने की तरह पहली तारीख से ही देश में कई बड़े बदलाव लागू हो गए हैं। इनका असर हर घर और हर जेब पर पड़ना लाजिमी है। इन बदलावों में आम लोगों की सवारी रेलवे की टिकट से लेकर क्रेडिट कार्ड यूज पर लगने वाले चार्ज में बढ़ोतरी तक शामिल है। रेल मंत्रालय ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में गैर वातानुकूलित श्रेणी के किराए में एक पैसे प्रति किलोमीटर और सभी वातानुकूलित श्रेणी में दो पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की है। ट्रेन की श्रेणियों के अनुसार किराया सूची का आधिकारिक परिपत्र जारी कर दिया गया है। मासिक पास टिकट किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है। साधारण द्वितीय श्रेणी का किराया 500 किलोमीटर तक नहीं बढ़ाया गया है। इससे अधिक दूरी के लिए टिकट की कीमत में आधा पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। साधारण शयनयान श्रेणी और प्रथम श्रेणी के यात्रियों को भी रेल यात्रा के लिए प्रति किलोमीटर आधा पैसा अधिक देना होगा। वहीं, तत्काल टिकट सिर्फ उन्हीं यात्रियों को मिलेगा जिनके आईआरसीटीसी अकाउंट आधार से लिंक है। इस महीने से ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण जरूरी होगा, जो आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर आएगा। रेलवे एजेंट तत्काल बुकिंग शुरू होने के पहले 30 मिनट तक टिकट नहीं बुक कर पाएंगे। दूसरा बड़ा बदलाव क्रेडिट कार्ड और एटीएम से जुड़ा हुआ है। कोटक, एक्सिस और एचडीएफसी सहित कई बैंकों ने बचत खाते की ब्याज दरों, एटीएम से तय समय से ज्यादा मासिक निकासी पर ज्यादा शुल्क और क्रेडिट कार्ड की फीस में बदलाव किए हैं। इससे ग्राहकों की जेबों पर असर पड़ना लाजमी है। दरअसल, बैंक के क्रेडिट यूजर्स के लिए यूटिलिटी बिल पेमेंट करने पर एक्स्ट्रा फीस देनी पड़ सकती है। इसके अलावा एचडीएफसी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर डिजिटल वॉलेट्स में महीनेभर में 10,000 रुपये से अधिक डालने पर 1 फीसदी का चार्ज लगेगा। पेटीएम जैसे थर्ड पार्टी वॉलेट में ₹10,000 से अधिक ट्रांसफर पर भी एक प्रतिशत का शुल्क लगाया जाएगा।भारतीय रिजर्व बैंक ने आदेश दिया है कि सभी क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान भारत बिल पेमेंट सिस्टम के जरिए किया जाएगा। इससे बिल डेस्क, फोनपे, क्रीड जैसे एप्स पर असर पड़ सकता है। अभी केवल आठ बैंकों ने बीबीपीएस पर यह सुविधा शुरू की है। इस सबके बीच तेल मार्केटिंग कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं कर थोड़ी राहत दी है। जबकि 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में 58.50 रुपए की कटौती की गई है। इसके अलावा कई अन्य बड़े बदलाव भी किए गए हैं। इसके तहत पैन कार्ड के लिए आवेदन करने पर अब आधार कार्ड अनिवार्य होगा। जिनके पास पहले से पैन कार्ड है, उन्हें भी 31 दिसंबर 2025 तक पैन को आधार से लिंक कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर पैन 1 जनवरी 2026 से निष्क्रिय हो जाएगा। वहीं, इस साल आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी गई है।
बहरहाल, महंगाई का प्रभाव समाज के सभी वर्गों पर पड़ता है। लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब और मध्यम वर्ग पर होता है। महंगाई के कारण लोगों की क्रय शक्ति कम हो जाती है, जिससे जीवन स्तर प्रभावित होता है। साथ ही बचत और निवेश भी प्रभावित होता है। जिससे आर्थिक अस्थिरता पैदा होती है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने महंगाई को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। पिछले महीने रेपो रेट को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया। रेपो रेट में कटौती से ऋण सस्ते होते हैं। जिससे व्यवसाय विस्तार में निवेश के लिए लोग प्रोत्साहित होते हैं और उपभोक्ता अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित होते हैं। सस्ते ऋण के साथ अर्थव्यवस्था में अधिक धन उपलब्ध होता है जो वस्तुओं और सेवाओं की मांग को बढ़ा सकता है।
अब यह बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे आरबीआई के निर्देशों के अनुरूप काम करें और ग्राहकों को इसका लाभ दें।
महंगाई का फिर तड़का
