– अरुण पटेल
2018 के विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पूरे विधि विधान और धार्मिक परंपरा एवं श्रद्धा के अनुसार नर्मदा परिक्रमा की थी। उनकी यात्रा के दौरान नर्मदा में रेत के अवैध उत्खनन का मामला जोर-शोर से उछला था बाद में कांग्रेस ने इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया था और चुनाव में कांग्रेस को इससे फायदा भी हुआ तथा डेढ़ दशक के बाद प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी। अब ग्वालियर- चंबल अंचल के एक बड़े कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह चंबल और सिंध नदी की परिक्रमा करेंगे। रेत के अवैध उत्खनन को लेकर गोविंद सिंह काफी मुखर हैं और उन्होंने कुछ दिन पूर्व इस ओर ध्यान आकर्षित करने तथा इसे रोकने की मांग को लेकर एक दिन का उपवास भी किया था। चंबल नदी के बारे में कहा जाता है कि वह उग्र नदी है। चंबल की वादियों की पहचान बागी, बंदूक, बगावत और बीहड़ों से है।
दिग्विजय की नर्मदा परिक्रमा विशुद्ध धार्मिक यात्रा थी लेकिन जैसे-जैसे यह आगे बढ़ी वैसे-वैसे अवैध उत्खनन और वृक्षारोपण की असलियत उजागर होती गई। गोविंद सिंह की यात्रा का स्वरूप क्या होगा इसका खुलासा होना अभी बाकी है लेकिन 27 विधानसभा उपचुनावों के पहले गोविंद सिंह सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अवैध उत्खनन को लेकर परिक्रमा करेंगे। उनकी इस परिक्रमा में गांधीवादी पी.वी.राजगोपाल, जल पुरुष राजेंद्र सिंह और कंप्यूटर बाबा भी शामिल होंगे। डॉक्टर सिंह अपनी परिक्रमा को चुनावी परिक्रमा मानने से इनकार करते हैं और कहते हैं कि उपचुनाव से उनकी यात्रा का कोई लेना देना नहीं है। वे भले ही इस बात से इंकार कर रहे हों कि उनकी यात्रा राजनीतिक नहीं है लेकिन अवैध उत्खनन को लेकर यदि सियासत गर्म होती है और यह बड़ा मुद्दा बन जाता है तो फिर इसका कुछ ना कुछ खामियाजा सत्तारूढ़ दल भाजपा को भुगतना पड़ सकता है। भाजपा के 22 अगस्त से होने वाले तीन दिवसीय सदस्यता अभियान में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने दस हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भाजपा की सदस्यता लेने के भाजपा के दावे को डॉ. सिंह ने झूठ बताते हुए कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस के इतने कार्यकर्ता ही नहीं हैं। यह कहते हुए उन्होंने भाजपा के दावे के सामने एक बड़ा सवालिया निशान लगा दिया कि जब इतने कार्यकर्ता ही नहीं है तो इतनी संख्या में भाजपा में कैसे शामिल होंगे।
पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी की 76वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते समय भी कांग्रेस नेताओं ने भाजपा को घेरने की कोशिश की। पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने संचार क्रांति के जनक के रूप में याद करते हुए स्व.राजीव गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि उस समय इसके लिए उनकी आलोचना होती थी लेकिन राजीव गांधी द्वारा किए गए कार्य आज भी याद किए जाते हैं। उपचुनाव सिर पर है ऐसे में इस अवसर पर राजनीति का तड़का ना लगे ऐसा हो ही नहीं सकता और कमलनाथ ने कह ही दिया कि उपचुनावों को देखते हुए भाजपा सरकार घोषणाओं का अंबार लगा रही है। प्रदेशवासियों को सतर्क करते हुए उन्होंने कहा कि वे सावधान रहें सरकार उपचुनावों को देखते हुए रोज एक घोषणा करेगी। कमलानाथ के अनुसार ऐसी घोषणाओं का ना सिर ना पैर, ना गंभीरता है और ना वह धरातल पर आ पाएंगी। कमलनाथ ने तंज कसते हुए आरोप लगाया कि शिवराज सरकार घोषणा रूपी लालीपाप देने का काम कर रही है और प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह कर रही है। इनकी घोषणाएं कभी पूरी नहीं होंगी। सिर्फ इसके माध्यम से जनता को भ्रमित करने का ये प्रयास करेंगे। जनता इसकी असलियत जानती है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राजीव गांधी को याद करते हुए अपने ट्वीट में लिखा है कि जब राजीव जी भारत में कंप्यूटर ला रहे थे तब भाजपा यह कह कर विरोध कर रही थी कि उसके आने से हमारे लोग बेरोज़गार हो जायेंगे। लेकिन हुआ क्या? करोड़ों लोगों को रोज़गार मिला, और अब मोदी जी एवं भाजपा की ग़लत नीतियों के कारण करोड़ों लोगों की नौकरियाँ चली गईं तथा लोग बेरोज़गार हो गए। उन्होंने लिखा है कि यही फ़र्क़ है भाजपा और कांग्रेस की सोच में और नीतियों में। कांग्रेस देश में प्रेम सद्भाव सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चल कर शांति स्थापित कर निर्माण करती है जबकि भाजपा नफ़रत, कटुता, झूठ फैलाकर देश में अशांति फैलाती है। अशांति से विध्वंस होता है और शांति से निर्माण होता है। राजीव गांधी की जयंती सद्भावना दिवस के रूप में मनाई जाती है और आज प्रदेश के गृह तथा जेल मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रालय वल्लभ भवन स्थित पार्क में सद्भावना एकता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
और अंत में……….
प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर को लगातार चौथी बार राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में प्रथम स्थान आने को बेहद खुशी का क्षण निरूपित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि शहर के नागरिकों ने अपने जज्बे से फिर वही मुकाम हासिल किया है, इसके लिए शहर के सफाई पसंद नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई देता हूं। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि पुरस्कार पाने वाले प्रदेश के सभी शहरों के समस्त सफाई कर्मियों को समर्पित करते हुए उन्हें सम्मान स्वरूप प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा करें, क्योंकि इन पुरस्कारों के असली हकदार वे ही हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सांसद विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत ने चौथी बार इंदौर शहर के टॉप रहने को सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की तथा इंदौर और प्रदेश के नागरिकों को बधाई दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार भी जताया।