0 विधायकों व पूर्व विधायकों को सौगात, पेंशन भी बढ़ेंगी
0 नये जिले गौरेला-पेड्रा में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को मिलेगा मौका
रायपुर। प्रदेश के छह जिलों में नये सहकारी बैंक खुलेंगे। यह फैसला आज राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस संबंध में रिजर्व बैंक को छह जिलों में बैंकों को खोलने का प्रस्ताव भेजा जायेगा और स्वीकृति मिलते ही इसे शुरू कर दिया जायेगा। जिन जिलों के लिए सहकारी बैंक की मंजूरी दी गयी है, उसमें महासमुंद, बलौदाबाजार, बालोद, बेमेतरा, जांजगीर और सरगुजा शामिल हैं। प्रदेश में अभी 5 बैंक कार्यरत हैं, जो अपेक्स बैंक के अंतर्गत हैं।
मंत्रिमंडल ने 14 साल बाद एर्राबोर राहत शिविर में हुए नक्सली हमलों को लेकर भी बड़ा फैसला किया है। पूर्व की रमन सरकार ने उस वक्त ऐर्राबोर राहत शिविर में नक्सली हमले में 32 ग्रामीणों की हत्या के बाद परिजनों को राहत राशि के रूप में 1-1 लाख रुपये दिये थे। अब भूपेश सरकार ने इस बात का निर्णय लिया है कि उन्हें 4-4 लाख की सहायता राशि दी जायेगी। इसके अलावा लोक सेवा गांरटी अधिनियम को अब और सशक्त बनाने का निर्णय लिया गया है। तय वक्त में आवेदन का निपटारा करने के लिए अब आवेदन की प्राप्ति की तारीख भी दर्ज करनी होगी।
राज्य सरकार ने जहां विधायकों व पूर्व विधायकों का यात्रा कूपन बढ़ा दिया है, तो वहीं पूर्व विधायकों की पेंशन भी बढ़ाई गयी है। पहले विधायकों को 4 लाख और पूर्व विधायकों को 2 लाख रुपये यात्रा कूपन मिलता था, अब ये राशि बढ़ाकर विधायकों के लिए 8 लाख और पूर्व विधायकों के लिए 4 लाख कर दी गयी है।
अनुपूरक बजट को हरी झंडी- 25 अगस्त से शुरू होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार अपना पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी। जल जीवन मिशन, तीन मेडिकल कालेज की स्थापना, कोरोना से निपटने, इंग्लिश मीडियम स्कूल, मरवाही-पेंड्रा-गौरेला नये जिले के उत्थान व राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए राशि का प्रबंध इस अनुपूरक बजट के माध्यम से की जायेगी। वहीं, निजी स्कूलों के फीस निर्धारण के लिए विधेयक विधानसभा में लाया जायेगा। मंत्रिमंडलीय उप समिति राज्य सरकार ने बनायी थी, उसके बाद जिला स्तर पर फीस नियंत्रण की कमेटी में भागीदारी को लेकर विधेयक में उल्लेख होगा।
मंत्रिमंडल की बैठक में शहीद महेंद्र कर्मा स्मृति सामाजिक सुरक्षा योजना को मंजूरी दी गई है। भंडार क्रय नियम में भी आंशिक संशोधन किया गया है, जिसमें स्थानीय यूनिटों को महत्व देने और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सहयोग देने का फैसला लिया गया है। अनुसूचित जनजाति प्राधिकरण में पहले मुख्यमंत्री अध्यक्ष हुआ करते थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री की तरफ से नामांकित व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्क आयोग में पहले एक अध्यक्ष और दो सदस्य की नियुक्ति 3 साल के लिए होती थी, लेकिन अब ये कार्यकाल सरकार के प्रसार प्रर्यन्त जारी रहेगी। वहीं आयोग में अब एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 6 सदस्यों को नियुक्त किया जायेगा। छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री के लिखे पत्र को आज कैबिनेट में अनुमोदित किया गया, साथ ही केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ी भाषा को अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया गया। सरगुजा व बस्तर की तर्ज पर नये जिले गौरेला, पेड्रा, मरवाही में भी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी भर्तियों में स्थानीय युवाओं को मौका दिया जायेगा।