– अरुण पटेल
जहां एक और फिर से बासमती चावल को जीआई टैग का मामला गरमा गया है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा अब प्रदेश में केवल राज्य के युवाओं को ही नौकरियां दिए जाने के ऐलान और इसके लिए कानून बनाने को लेकर जो बात कही गई है उसके बाद सियासत तेज होने की संभावना है। जीआई टेग को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर फिर से प्रारंभ हो गया है। अब केवल प्रदेश के युवाओं के लिए ही नौकरियों का श्रेय लेने की होड़ कांग्रेस और भाजपा के बीच लग गई है।
शिवराज सरकार ने एक बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रदेश की सरकारी नौकरियां राज्य के युवाओं के लिए एक प्रकार से आरक्षित कर दी हैं। प्रदेश में 27 उपचुनाव होना है इसलिए इस निर्णय के माध्यम से जहां भाजपा युवाओं को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश करेगी तो वहीं कांग्रेस कह रही है की कमलनाथ सरकार ने इस मामले में काफी कुछ किया है और दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में ऐसी व्यवस्था थी जिसे बाद में शिवराज सरकार ने बदल कर अन्य राज्यों के युवाओं को भी भर्ती परीक्षाओं में बैठने का मौका दे दिया था। शिवराज सरकार अपने फैसले को अमलीजामा देने के लिए जल्दी ही कानून बनाएगी। जल्दी कानून बनाने का संकेत प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने एक ट्वीट में दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा है कि मैंने अपनी 15 माह की सरकार में प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता से रोज़गार मिले , इसके लिये कई प्रावधान किये।उनकी सरकार बनते ही उद्योग नीति में परिवर्तन कर 70% प्रदेश के स्थानीय युवाओं को रोज़गार देना अनिवार्य किया। युवा स्वाभिमान योजना लागू कर युवाओं को रोज़गार मिले, इसके लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय किये।
आपकी 15 साल की सरकार में प्रदेश में बेरोज़गारी की क्या स्थिति रही, यह किसी से छिपी नहीं। युवा हाथो में डिग्री लेकर नौकरी के लिये दर-दर भटकते रहे। क्लर्क व चपरासी की नौकरी तक के लिये हज़ारों डिग्रीधारी लाइनों में लगते रहे। कमलनाथ ने शिवराज पर व्यंग्य करने के साथ ही नसीहत देते हुए लिखा है कि चलिये आप 15 वर्ष बाद आज युवाओं के रोज़गार को लेकर नींद से जागे, आज आपने प्रदेश के युवाओं को प्राथमिकता से नौकरी देने के हमारे निर्णय के अनुरूप ही घोषणा की लेकिन यह पूर्व की तरह ही स़िर्फ घोषणा बन कर ही ना रह जाये, प्रदेश के युवाओं के हक़ के साथ पिछले 15 वर्ष की तरह वर्तमान में भी छलावा ना हो, वे ठगे ना जायें। कमलनाथ ने आशंका व्यक्त की है कि कहीं यह आगामी उपचुनावों को देखते हुए मात्र चुनावी घोषणा बन कर ना रह जाये, इस बात का ध्यान रखा जावे अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भोपाल की पूर्व महापौर विभा पटेल ने प्रदेश के युवाओं को ही सरकारी नौकरियों देने को लेकर कहा है कि मुख्यमंत्री चौहान एक बार फिर प्रदेश के युवाओं के साथ छलावा कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चौहान के पिछले कार्यकाल में सरकारी भर्तियों में दूसरे प्रदेश के लोगों को रोकने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया था बल्कि दूसरे प्रदेश के लोगों को भरपूर नौकरियां दीं। उनका कहना है कि शिवराज सरकार ने ही पीएससी और व्यापम के द्वारा होने वाली भर्ती परीक्षाओं में प्रदेश के निवासी होने की अनिवार्यता को समाप्त किया था।पूर्व मुख्यमंत्री सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा है कि बासमती को उसकी श्रेष्ठता के आधार पर जीआई टैग दिलाने के लिए आप दिल्ली चलिए और सभी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर धरना दीजिए। दलीय राजनीति से हटकर मैं आपके धरने में शामिल होने के लिए तैयार हूँ।
जीआई टैग के मामले को उठाकर शिवराज और कुछ मंत्रियों तथा भाजपा नेताओं ने कांग्रेस की घेराबंदी करने की कोशिश की थी इसलिए दिग्विजय के पत्र के बाद प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मोर्चा संभालते हुए सलाह दी कि दिग्विजय सिंह जाएं और पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को समझाएं कि वह बासमती चावल की जीआई टैगिंग में बाधा न पहुंचाएं। पटेल का आरोप है कि पंजाब के व्यापारी मध्यप्रदेश का बासमती चावल औने-पौने दाम पर खरीद कर अपने टैग के साथ मंहगे दाम पर बेच रहे हैं। व्यापारियों के दवाब में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रदेश के बासमती चावल की जीआई टैगिंग में रोढ़े अटका रहे हैं। पटेल ने आरोप लगाया है कि आपके (दिग्विजय सिंह) के निर्देशन और कमलनाथ के नेतृत्व में पंद्रह महीने सरकार रही तब चैन्नई हाईकोर्ट में राज्य का पक्ष क्यों नहीं रखा, फैसला आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा है कि दिग्विजय सिंह को अगर मदद करना ही है तो पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहें कि व्यापारियों के दवाब में आकर बासमती चावल के जीआई टैग में बाधा नहीं डालें।
और अंत में…………
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार को छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार द्वारा प्रारंभ की गई गौ धन योजना अच्छी लग रही है और वह भी इसका अनुसरण कर सकती है। यह संकेत देते हुए प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की योजना का अध्ययन किया जाएगा और अगर योजना अच्छी लगी तो उसे लागू कर गोबर की खरीदी भी की जाएगी। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि प्रदेश में होने वाले सभी 27 विधानसभा उपचुनाव भाजपा ही जीतेगी। उनके इस दावे का तर्क भी काफी दिलचस्प है। पटेल का मानना है कि कोई कांग्रेस को वोट ही क्यों देगा जब उसे मालूम है कि वह जिसको वोट देता है वह भाजपा में चला जाता है। यह तर्क पटेल ने निजी चैनल से चर्चा करते हुए दिया।