इस्लामाबाद / पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयानों से भड़के सऊदी अरब को मनाने के लिए अब पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा रियाद का दौरा करने वाले हैं। बाजवा की यात्रा के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। दोनों देशों में तल्खी इस कदर बढ़ गई है कि सऊदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ 6.2 बिलियन डॉलर की फाइनेंशियल डील को रद्द कर दिया है और उधार तेल-गैस देने पर भी रोक लगा दी है।
पाक आर्मी चीफ ने सोमवार को इस्लामाबाद में सऊदी अरब के राजदूत एडमिरल नवाफ बिन सईद अल-मलिकी से मुलाकात की। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी कर बताया कि इस मुलाकात के दौरान पारस्परिक हित, क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के मामलों पर चर्चा की गई। इस बैठक को लेकर यह नहीं बताया गया कि क्या कुरैशी के बयान को लेकर बाजवा और सऊदी राजदूत में कोई बात हुई कि नहीं। पाकिस्तान में भी कुरैशी के बयान की सार्वजनिक निंदा की जा रही है। नौबत यहां तक आ गई है कि कुरैशी को मीडिया से भागना पड़ रहा है। वहीं, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कुरैशी के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान देश के लोगों की ओआईसी से कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की इच्छा और आकांक्षा को दर्शाता है। पाकिस्तानी वदिेश मंत्रालय की प्रवक्ता आइशा फारुकी ने कहा कि देश के लोगों की ओआईसी से काफी अपेक्षा है। वे चाहते हैं कि ओआईसी कश्मीर के मुद्दे को दुनियाभर में उठाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमारा प्रयास आगे भी जारी रहेगा। कुरैशी ने कहा था कि सऊदी ्रओआईसी को (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ खड़ा नहीं होने दे रहा है। कुरैशी ने कहा था कि ओआईसी कश्मीर पर अपने विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक बुलाने में हीलाहवाली बंद करे। पाकिस्तान कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से ही 57 मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने के लिए लगातार सऊदी अरब पर दबाव डाल रहा है। एक अन्य सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता है। कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने सऊदी अरब के अनुरोध पर खुद को कुआलालंपुर शिखर सम्मेलन से अलग कर लिया था और अब पाकिस्तानी यह मांग कर रहे हैं।
कि सऊदी अरब कश्मीर के मुद्दे पर नेतृत्व दिखाए। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर ओआईसी के विदेश मंत्रियों की बैठक होती है तो इससे कश्मीर पर भारत को इस्लामिक देशों की ओर से स्पष्ट संदेश जाएगा। माना जा रहा है कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिलने से कुंठित कुरैशी ने यह बयान दिया था। यह भी कहा जा रहा है कि देश में कड़ी पकड़ रखने वाली सेना के कहने पर उन्हें यह बयान दिया, खासकर इसलिए ताकि सऊदी के रुख को भांपा जा सके। इसके अलावा इस्लामाबाद में यह खबरें भी हैं कि वह खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बराबर का दिखाना चाहते हैं।
क्या सऊदी को मना पाएगा पाक
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान अब उच्च-स्तरीय डेलिगेशन को रियाद भेजेगा। अगर सऊदी ने पाकिस्तानी वर्कर्स को देश वापस भेजने का फैसला कर लिया तो पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हो सकता है। पाकिस्तान तुर्की, ईरान, कतर और मलेशिया के साथ मिलकर सऊदी की जगह दूसरा इस्लामिक हब बनाना चाहता था जो रियाद ने होने नहीं दिया। वहीं, मलेशिया में मताहिर मोहम्मद के बाहर होने के बाद पूरा प्लान ठंडा पड़ गया। यहां तक कि उसने ग्वादर पोर्ट पर निर्माण का प्लान भी छोड़ दिया।