आपकी बात: वैश्विक मंदी की आहट

0 संजीव वर्मा
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आते ही अपनी ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ योजना को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। इसके तहत वे व्यापार में अमेरिका के प्रतिद्वंद्वी देशों के साथ-साथ मित्र देशों को भी टैरिफ युद्ध में शामिल कर रहे हैं। ट्रंप के सत्ता संभालते ही वैश्विक मंदी की आहट सुनाई देने लगी है। आलम यह है कि ट्रंप अब तक आधा दर्जन देशों के खिलाफ आयात शुल्क लगाने का ऐलान कर चुके हैं। इसके अलावा वे कई और देशों को आने वाले समय में कार्रवाई की धमकी भी दे चुके हैं। अमेरिका के हितों का हवाला देते हुए अलग-अलग देशों से व्यापार युद्ध शुरू करने के ट्रंप के इरादे कितने बुलंद हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में उन्होंने अमेरिकी जनता से कहा है कि उन्हें इसका कुछ दर्द उठाना पड़ सकता है। तीन देशों चीन, कनाडा और मैक्सिको में आयात शुल्क आज यानी 4 फरवरी से लागू भी हो गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि ये तीनों देश अब तक अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। अमेरिका ने 2024 में दुनिया भर से करीब 3 ट्रिलियन डॉलर के उत्पाद आयात किए थे। इनमें से 42 फीसदी आयात उसने इन्हीं तीन देशों से किए। इसके अलावा ट्रंप ने विकासशील देशों के संगठन ब्रिक्स के सदस्यों पर भी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने ब्रिक्स देशों को अमेरिकी डॉलर के बजाय दूसरी मुद्रा अपनाने पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी।दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति की इस घोषणा से दुनिया भर में महंगाई बढ़ने और मंदी की आशंका बढ़ गई है।भारत में भी इसका असर देखा जा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया 67 पैसे की गिरावट के साथ 87.11 रुपए प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। जिससे भारत में सोने-चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी आई है। वैसे टैरिफ लगाने की अमरीकी घोषणा के बाद प्रभावित देशों ने कड़ा विरोध जताते हुए जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने ऐलान किया कि हम अमेरिकी सामानों पर 25% टैरिफ लगाने जा रहे हैं। ट्रुडो ने कहा कि हम 13.5 लाख करोड रुपए मूल्य के अमेरिका से आयातित सामानों पर टैरिफ लगाएंगे। इसी तरह मैक्सिको की राष्ट्रपति शिनबाम ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने प्लान बी लागू करने का आदेश दिया। जिसमें टैरिफ जैसे उपाय शामिल हैं।शिनबाम ने टैरिफ का विरोध करते हुए कहा है कि किसी एक देश की दादागिरी नहीं चलेगी। उधर, चीन के कहा है कि हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। उसने कहा कि वह अब अमेरिका के अनैतिक व्यवहार के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में मुकदमा दायर करेगा और अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाएगा। इससे चीन-अमेरिका के आर्थिक सहयोग को नुकसान पहुंचेगा। ट्रुडो द्वारा अमेरिका पर टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि हमारे पास हर वो चीज है जो हमें चाहिए। हमारे पास असीमित ऊर्जा है। हम सब्सिडी के रूप में कनाडा को करोड़ों डॉलर देते हैं। लेकिन मुझे इसकी कोई वजह नहीं दिखती। दुनिया में कनाडा की पहचान हमारी वजह से ही है, इसलिए कनाडा को अब अमेरिका का 51वा राज्य बन जाना चाहिए। तब कोई टैरिफ भी नहीं होगा और कनाडाई सुरक्षित रहेंगे। वहीं, टैरिफ लगाने की होड़ के चलते विशेषज्ञ ट्रेड वॉर का अंदेशा जता रहे हैं। इसका सीधा असर होड़ में शामिल अन्य देशों पर तो पड़ेगा ही बाकी देश भी प्रभावित होंगे। जहां तक भारत का सवाल है तो ट्रंप भारत पर भी कई बार निशाना साध चुके है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी पेश करने से लेकर राष्ट्रपति बनने के बाद तक डोनाल्ड ट्रंप कई बार व्यापार युद्ध के संदर्भ में भारत का नाम ले चुके हैं। उन्होंने इसे लेकर सीधे तौर पर कोई धमकी नहीं दी है, लेकिन भारत पर अमेरिकी उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि सबसे अधिक आयात शुल्क लेने वाला देश भारत है। ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर जवाबी शुल्क लगाने की धमकी दी। बहरहाल, अमेरिका के इस कदम से महंगाई और मंदी की आशंका को लेकर पूरा विश्व डरा-सहमा है। इसी वजह से कई देश लामबंद भी होने लगे हैं। अब यह देखना होगा कि अमेरिका का अगला कदम क्या होगा?