बजट  में मध्यम वर्ग को राहत और देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन: सीए रुचि अग्रवाल

भाटापारा। चार्टर्ड अकाउंटेंट रुचि अग्रवाल ने कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 में आयकर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने और उपभोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हैं।

मुख्य आयकर सुधार:
• कर मुक्त आय सीमा बढ़ी:
• ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12.8 लाख कर दी गई, यानी अब ₹12.8 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा।

नई आयकर स्लैब दरें:
वार्षिक आय (₹ में)             कर दर (%)
0              – 3,00,000           0
3,00,001 – 6,00,000             5
6,00,001 – 9,00,000            10
9,00,001 – 12,00,000          15
12,00,001 – 15,00,000।       20
15,00,001 से अधिक               25

इन संशोधित स्लैबों के अनुसार, 3 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके बाद, आय के विभिन्न स्तरों पर क्रमशः 5% से 25% तक की कर दरें लागू होंगी। इसका उद्देश्य मध्यम वर्ग के करदाताओं के हाथ में अधिक धनराशि छोड़ना और उपभोग को प्रोत्साहित करना है। इन परिवर्तनों से सरकार को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व घाटे की उम्मीद है, लेकिन यह कदम अर्थव्यवस्था में उपभोग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। उद्योग जगत में इन कर सुधारों से उम्मीद जताई जा रही है कि इससे उपभोक्ता वस्तुओं, ऑटोमोबाइल, और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में मांग में वृद्धि होगी।

निष्कर्षतः बजट 2025-26 के तहत आयकर स्लैब में किए गए ये बदलाव मध्यम वर्ग को राहत प्रदान करने और देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।