नई दिल्ली/ कोरोना वायरस के हालात की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। कोरोना वायरस संकट पर मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की यह सातवीं बातचीत है। पीएम मोदी के साथ इस बैठक में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित थे। पीएम मोदी और राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद हैं।
इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर राज्य कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतीपूर्ण स्थिति के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। कोरोना वायरस के प्रसार के समग्र नियंत्रण में प्रत्येक और हर राज्य की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि औसत मृत्यु दर लगातार कम हो रही है, जबकि रिकवरी दर हर दिन बढ़ रही है, इससे पता चलता है कि हमारे द्वारा उठाए जा रहे उपाय सही दिशा में हैं।
उन्होंने कहा कि टेस्टिंग की संख्या बढ़कर हर दिन 7 लाख तक पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ भी रही है। इससे संक्रमण को पहचानने और रोकने में जो मदद मिल रही है, आज हम देख रहे हैं। हमारे यहां औसत मृत्यु दर पहले भी दुनिया के मुक़ाबले काफी कम थी, संतोष की बात है कि ये लगातार और कम हो रही है।
इससे पहले सोमवार को बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों – असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल के साथ वर्चुअल बैठक की थी। इससे पहले पीएम मोदी ने जून में कोरोना वायरस की समीक्षा को लेकर अंतिम बैठक की थी।
अगर देश में कोरोना की स्थिति की बात करें तो मंगलवार को देश में कोरोना वायरस के एक बार फिर से 50 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में 53,601 नए केस मिले हैं, जबकि 871 लोगों की मौत हो गई। इस तरह कुल संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 22,68,676 पहुंच गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी 6,39,929 सक्रिय मरीज हैं। इसके अलावा, 15,83,490 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, कुल मृतकों के आंकड़े पर नजर डालें तो यह बढ़कर 45,257 हो गया है। सरकार ने बताया कि मृत्युदर दो फीसदी से नीचे आकर 1.99% पर पहुंच गई है, जबकि 69.80% लोग ठीक हुए हैं। महाराष्ट्र जहां कोरोना वायरस केसों की संख्या में टॉप पर काबिज है, वहीं तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर है।