राजस्थान में कांग्रेस का सियासी संकट खत्म?

o सचिन पायलट बोले- राजनीति में द्वेष या व्यक्तिगत शत्रुता का कोई स्थान नहीं

जयपुर/ सचिन पायलट की कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि राजस्थान में जारी सियासी संकट का अंत निकट है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सचिन पायलट की बातें सुन ली गई हैं और वह पूरी तरह से मान गए हैं।। इस बीच सचिन पायलट ने कहा है कि राजनीति में द्वेष या व्यक्तिगत शत्रुता का कोई स्थान नहीं है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सचिन पायलट ने कहा कि मेरे और कुछ विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के बाद कांग्रेस द्वारा तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। हमने जो मुद्दे उठाए, वे महत्व के थे। राजनीति में द्वेष या व्यक्तिगत शत्रुता का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने आगे कहा ‘हमारी बैठक में प्रियंका जी और राहुल जी ने हमारी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि उन्हें हल करने के लिए एक रोड मैप तैयार किया जाएगा।अशोक गहलोत ने आपको ‘निकम्मा और नकारा’ कहा, इस सवाल के जवाब में सचिन पायलट ने कहा कि मैंने अपने परिवार से अपने जीवन में संस्कार हासिल की है। मैं कितना भी किसी का विरोध करूं चाहे वो अपने दल का हो या कट्टर दुश्मन हो, तब भी मैंने कभी इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। अशोक गहलोत जी उम्र में मुझसे काफी बड़े हैं, मैंने व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान किया है। लेकिन काम करने के तरीके में कहीं कुछ दिखता है तो मेरा अधिकार है कि मैं अपना विरोध जाहिर करूं।’

इससे पहले सचिन पायलट ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद सोमवार को कहा था कि पद को लेकर उनकी कोई लालसा नहीं है और उम्मीद है कि समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके और उनके समर्थक विधायकों द्वारा जो मुद्दे उठाए गए थे, वे सैद्धांतिक थे और इनके बारे में कांग्रेस आलाकमान को अवगत करा दिया गया है।

कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा, ”सरकार और संगठन के कई ऐसे मुद्दे थे जिनको हम रेखांकित करना चाहते थे। चाहे देशद्रोह का मामला हो, एसओजी जांच का विषय हो या फिर कामकाज को लेकर आपत्तियां हों, उन सभी के बारे में हमने आलाकमान को बताया।” पायलट ने कहा, ”हमने शुरू से यह बात कही कि जो हमारे मुद्दे हैं वे सैद्धांतिक हैं। मुझे लगता था कि ये पार्टी के हित में हैं और इनको उठाना बहुत जरूरी है। हमने ये सारी बातें आलाकमान के समक्ष रखी हैं।”

उन्होंने कहा, ”पूरे प्रकरण के दौरान बहुत सारी बातें की गईं और यहां तक कि मेरे बारे में भी बहुत बातें हुईं। व्यक्तिगत तौर पर कुछ ऐसी बातें हुईं जिनका मुझे भी बुरा लगा। लेकिन संयम बनाए रखना चाहिए। राजनीति में व्यक्तिगत दुर्भावना की कोई जगह नहीं है।” उन्होंने कहा, ”हम लोगों ने पांच साल तक मेहनत कर यह सरकार बनाई है। इस सरकार में सभी की भागीदारी है।”

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