साय सरकार का किसानों के हित में बड़ा फैसला; छग कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय

0 अनुपूरक बजट का भी मंत्रिमंडल ने किया अनुमोदन
रायपुर। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय लिया है। आज रायपुर में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित संशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इस अधिनियम में संशोधन होने से प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी और प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार के ई-नाम पोर्टल के माध्मय से कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे। इसके साथ ही मंडी बोर्ड अपनी वार्षिक आमदनी की दस प्रतिशत राशि राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। मंत्रिमंडल ने राज्य के नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आवंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमिस्वामी को हक प्रदान करने के संबंध में पूर्व में जारी निर्देशों और परिपत्रों को निरस्त कर दिया है। आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा के मानसून सत्र में रखे जाने वाले पहले अनुपूरक बजट और छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। साथ ही मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर संशोधन विधेयक के प्रारूप का भी अनुमोदन किया।
आबंटित भूमि की जानकारी राजस्व विभाग की वेबसाईट में प्रदर्शित की जाएगी
मंत्रिपरिषद की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इन प्रपत्रों के अंतर्गत जारी आदेशों के तहत आबंटित भूमि की जानकारी राजस्व विभाग की वेबसाईट में प्रदर्शित की जाएगी और इस विषय में कोई भी आपत्ति और शिकायत प्राप्त होने पर संभागीय आयुक्त द्वारा इसकी सुनवाई की जाएगी।
अब कृषि कल्याण शुल्क
संशोधन प्रस्ताव के अनुसार मंडी फीस के स्थान पर अब ”मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क” शब्द जोड़ा जाना प्रस्तावित है। संशोधन प्रस्ताव के अनुसार कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी सकल वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। इस निधि का उपयोग नियमों में शामिल प्रयोजनों के लिए किया जा सकेगा।