आपकी बात: केजरीवाल के तीखे तेवरों में उलझती भाजपा

0 संजीव वर्मा 
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने जेल से जमानत पर छूटते ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। या यूं कहें कि उनके तेवर पहले से भी ज्यादा उग्र हो गए हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। वहीं, भाजपा केजरीवाल के तेवरों में उलझती नजर आ रही है। केजरीवाल ने  दिल्ली में पहला रोड-शो किया और बता दिया कि उनका इरादा क्या है? केजरीवाल ने सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने एक खतरनाक मिशन शुरू किया है और वो है, ‘‘वन नेशन-वन लीडर’’। इसके तहत वे देश के सभी नेताओं को खत्म करना चाहते हैं, सारे विपक्षी नेताओं को जेल में डाल देंगे, उनकी राजनीति खत्म कर देंगे और भाजपा के उन नेताओं को निपटा देंगे, जो उनकी राह में आएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद ममता बैनर्जी, स्टॉलिन, उद्वव ठाकरे और तेजस्वी यादव समेत विपक्ष के सारे नेता जेल में होंगे। उन्होंने यह कहकर सनसनी फैला दी कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीति खत्म करने की साजिश की जा रही है। भाजपा जीत जाएगी, तो योगी आदित्यनाथ की राजनीति खत्म कर देंगे। केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि अमित शाह अगले प्रधानमंत्री होंगे और मोदी जी उन्हीं के लिए वोट मांग रहे हैं। दरअसल, यह एक राजनीतिक बयान है। कहते हैं राजनीति में साम-दाम-दंड सभी भेद अपनाए जाते हैं। शायद केजरीवाल के इस बयान में भी राजनीति हो, लेकिन कुछ हद तक इसमें सत्यता की झलक भी दिख रही है। दरअसल, 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नियम बनाया था कि 75 साल की उम्र के बाद भाजपा नेता रिटायर हो जाएंगे और इसके चलते लालकृष्ण आडवाणी और डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी जैसे बड़े नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल कर सक्रिय राजनीति से रिटायर कर दिया गया। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं, तो ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी जी भी रिटायरमेंट लेंगे? यदि ऐसा हुआ तो उनकी जगह कौन लेगा? ऐसे कई सवाल है, जो राजनीति के गलियारों में गूंज रहा है। यह भी सच है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ . रमन सिंह, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को राजनीति की मुख्यधारा से अलग-थलग करने का प्रयास किया गया है । खैर, यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है कि किसे क्या भूमिका दी जाए? लेकिन, केजरीवाल के इस बयान ने राजनीति में जरूर हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केजरीवाल के दावे पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इंडी गठबंधन के नेताओं को पता है कि भाजपा 400 पार करने जा रही है और मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, इसीलिए केजरीवाल इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं। मैं देश की जनता के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि नरेन्द्र मोदी ही 2029 तक प्रधानमंत्री रहेंगे और आने वाले चुनाव का भी नेतृत्व करेंगे। अब भाजपा और उनके नेता जितनी भी सफाई दें, लेकिन केजरीवाल ने मोदी के पूर्व के फैसले को आधार बनाकर जो बातें कही है, उसे वे नकार नहीं सकते। यह भी सच है कि भाजपा के संविधान में उम्र को लेकर ऐसी कोई बातें नहीं हैं। लेकिन, ऐन चुनाव के बीच ऐसी चर्चाओं ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। वैसे केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद इंडिया गठबंधन और उनके नेता बेहद खुश हैं और यह लाजिमी भी है। उनकी रिहाई के कई राजनीतिक मायने भी है। केजरीवाल राजनीति के मंजे हुए बेहद चतुर खिलाड़ी हैं। राजनीतिक संदेश देने में उनका कोई मुकाबला नहीं है। यहीं कारण है कि विपक्षी गठबंधन के नेताओं को लगने लगा है कि अब उनके चुनावी अभियान को नई धार मिलेगी, जिसका फायदा पूरे इंडिया गठबंधन को होगा। अभी तीन चरण के चुनाव बाकी है। ऐसा नहीं है कि केजरीवाल केवल दिल्ली तक ही सीमित होंगे। वे हरियाणा और पंजाब में भी प्रचार करेंगे। शायद दूसरे राज्य भी जाएं। यह अलग बात है कि उनकी अपील पर देश की जनता कितना ऐतबार करेगी? लेकिन, केजरीवाल के मैदान में आ जाने से पूरा राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है। चुनाव में नई गर्माहट आ गई है। “आप” के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल और आत्मविश्वास तो बढ़ा ही है, विपक्षी गठबंधन के नेताओं में भी जोश सातवें आसमान पर हैं। जबकि भाजपा केजरीवाल के बयान में उलझती दिख रही है।