कांकेर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए केजी से लेकर पीजी तक सरकारी संस्थानों में मुफ्त शिक्षा का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने तेंदूपत्ता उत्पादकों के लिए चार हजार रुपए मानक बोरी तय करने, और लघु वनोपज में न्यूनतम समर्थन मूल्य से दस रुपए अतिरिक्त देने का ऐलान किया। दरअसल कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और भाजपा के साथ अदाणी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के दो तरीके होते हैं, या तो आप देश-प्रदेश के अमीर लोगों को फायदा पहुंचाओं, या फिर दूसरा गरीब लोगों को फायदा पहुंचाओं। हमारी सरकार किसानों, गरीब, मजदूरों की मदद करती है, उनकी सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती हैं, लेकिन अंत में वे अदाणी की मदद करते हैं। केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने ओबीसी जनगणना का सवाल एक बार फिर से उठाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी कहते हैं कि हम पिछड़ों की सरकार चलाते हैं, ओबीसी की सरकार चलाते हैं, तो फिर आप ओबीसी जनगणना से क्यों डरते हैं। आज जितनी भागीदारी ओबीसी की है, उतनी और किसी की नहीं है। यह सच्चाई आप नहीं बताना चाहते हो। आज ओबीसी को ठगा जा रहा है, देश की 50 प्रतिशत आबादी ओबीसी वर्ग की है, लेकिन उनको बजट में पांच प्रतिशत भागीदारी मिल रही है। केंद्र में सरकार आने पर जाति जनगणना कराएंगे, वहीं छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही जातिगत सर्वे कराया जाएगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आदिवासियों को लेकर कांग्रेस और भाजपा की सोच का अंतर बताते हुए कहा कि हम आदिवासी कहते हैं, लेकिन वे वनवासी कहते हैं। आदिवासी का मतलब वो लोग, जो हिन्दुस्तान के पहले मालिक थे। आदिवासियों को जमीन का अधिकार मिलना चाहिए।
उनकी संस्कृति, जंगल, उनकी जमीन की रक्षा करनी चाहिए। क्योंकि वे हिन्दुस्तान के पहले और पुराने मालिक हैं। वनवासी का मतलब है कि आप लोग जंगल में रहते हो।
वनवासी शब्द हिन्दुस्तान के आदिवासियों का अपमान है। आप पर आक्रमण है, आपकी संस्कृति पर, आपके इतिहास पर, आपके अलग-अलग भाषाओं पर आक्रमण है।
ऐसा कोई सगा नहीं है, जिसे रमन सिंह और दिल्ली
वालों ने ठगा नहीं:भूपेश
आमसभा में सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार किसान के विरोध में लगातार काम कर रही है। जब कांग्रेस ने कर्जमाफी की घोषणा की तो भाजपाइयों के पेट में दर्द हो रहा है। रमन सरकार ने चुनाव से पहले खूब राशन कार्ड बनाया पर चुनाव के बाद हजारों राशन कार्ड को निरस्त कर दिया। आदिवासियों के एक लाख एकड़ जमीन छीनने का काम रमन सरकार ने किया। 15 साल में रमन सरकार पेसा कानून तक नहीं बना पाया। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मोदी सरकार ने सबके खाते में 15-15 लाख देने का वादा किया था, रोजगार देने की बात कही थी, किसानों की आय दोगुनी करने वादा किया था पर एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई। ऐसा कोई सगा नहीं है, जिसे रमन सिंह और दिल्ली वालों ने ठगा नहीं।
हमने कांग्रेस सरकार बनते ही शपथ लेने के बाद दो घंटे में ही 19 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। 1700 आदिवासी किसानों को जमीन का पट्टा दिया गया। 4000 प्रति मानक बोरा से तेंदूपत्ता खरीदा जा रहा। सबसे ज्यादा गन्ना और मिलेट्स की कीमत छत्तीसगढ़ में है। चुनाव के बाद बस्तर में मक्का प्रोसेसिंग यूनिट शुरू की जाएगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आदिवासियों को लेकर कांग्रेस और भाजपा की सोच का अंतर बताते हुए कहा कि हम आदिवासी कहते हैं, लेकिन वे वनवासी कहते हैं। आदिवासी का मतलब वो लोग, जो हिन्दुस्तान के पहले मालिक थे। आदिवासियों को जमीन का अधिकार मिलना चाहिए।
उनकी संस्कृति, जंगल, उनकी जमीन की रक्षा करनी चाहिए। क्योंकि वे हिन्दुस्तान के पहले और पुराने मालिक हैं। वनवासी का मतलब है कि आप लोग जंगल में रहते हो।
वनवासी शब्द हिन्दुस्तान के आदिवासियों का अपमान है। आप पर आक्रमण है, आपकी संस्कृति पर, आपके इतिहास पर, आपके अलग-अलग भाषाओं पर आक्रमण है।
ऐसा कोई सगा नहीं है, जिसे रमन सिंह और दिल्ली
वालों ने ठगा नहीं:भूपेश
आमसभा में सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार किसान के विरोध में लगातार काम कर रही है। जब कांग्रेस ने कर्जमाफी की घोषणा की तो भाजपाइयों के पेट में दर्द हो रहा है। रमन सरकार ने चुनाव से पहले खूब राशन कार्ड बनाया पर चुनाव के बाद हजारों राशन कार्ड को निरस्त कर दिया। आदिवासियों के एक लाख एकड़ जमीन छीनने का काम रमन सरकार ने किया। 15 साल में रमन सरकार पेसा कानून तक नहीं बना पाया। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मोदी सरकार ने सबके खाते में 15-15 लाख देने का वादा किया था, रोजगार देने की बात कही थी, किसानों की आय दोगुनी करने वादा किया था पर एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई। ऐसा कोई सगा नहीं है, जिसे रमन सिंह और दिल्ली वालों ने ठगा नहीं।
हमने कांग्रेस सरकार बनते ही शपथ लेने के बाद दो घंटे में ही 19 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। 1700 आदिवासी किसानों को जमीन का पट्टा दिया गया। 4000 प्रति मानक बोरा से तेंदूपत्ता खरीदा जा रहा। सबसे ज्यादा गन्ना और मिलेट्स की कीमत छत्तीसगढ़ में है। चुनाव के बाद बस्तर में मक्का प्रोसेसिंग यूनिट शुरू की जाएगी।