पहली ही बरसात में नगर के अनेक वार्डों में पानी भरा

 

0 नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगा,हर बरसात में जनता होती है परेशान

0 निकास के लिए समुचित व्यवस्था बनाने कभी समुचित प्रयास नहीं हुआ

भाटापारा। रविवार को भाटापारा नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई जिसके चलते पहली ही बरसात में नगर के अनेक स्थानों सहित वार्डों में पानी भर जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है । जन जीवन प्रभावित हुआ है।
भाटापारा कृषि उपज मंडी रोड जनपद पंचायत कार्यालय के सामने और उनके पीछे के हिस्से में, महासती वार्ड में नयापारा वार्ड में और अन्य निचली बस्तियों में भी पानी भर जाने की लंबी चौड़ी शिकायत सामने आई है। नालों का पानी भी सड़क पर बहता हुआ दिखाई दिया है इससे नगर पालिका की व्यवस्था की तो पोल खुली ही साथ ही बरसों से क्षेत्र में राजनीति कर रहे राजनीतिक दल के लोगों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं आज तक के भाटापारा नगर में पानी निकास के लिए समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई। इसके लिए कभी भी कोई समुचित ठोस प्लान क्यों तैयार नहीं किया गया।
लोगो के द्वारा अनेकों बार मांग की जा चुकी थी की बरसात शुरू होने के पहले शहर की सभी नालियों और नालों की सफाई करा ली जाए कुछ नालियों और नालों की सफाई जरूर हुई पर ज्यादातर नालियों और नालों की सफाई नहीं हो सकी जिसकी वजह से नाली और नाले जाम की स्थिति में है और उसका पानी सड़कों पर बह रहा है। भाटापारा का यह कैसा विकास हुआ है इस पर सवाल उठ रहा है। बीते वर्षों में नगर पालिका परिषद में दो बार भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है और दो बार कांग्रेस का पर सवाल वही के वही खड़ा हुआ है। भाटापारा कृषि उपज मंडी में भी पानी भर जाने की खबर मिली परंतु खास बात यह रही कि पानी सुबह से ही गिर रहा था तो धान की कटाई खुले प्रांगण में नहीं हुई जिससे नुकसान होने की कोई खबर नहीं मिली है।

कृषि उपज मंडी रोड की हालत खराब

सबसे ज्यादा हालत खराब भाटापारा कृषि उपज मंडी रोड की हर वर्ष रहती है यहां पर पानी सड़कों पर लबालब भर जाता है जिससे लोगों का आना जाना भी दूभर हो जाता नालियों का पानी भी सड़क पर बहने लगता है यहां यह बताना जरूरी है कि अभी 1 माह पहले ही भाटापारा कृषि उपज मंडी की इस सड़क पर डामरीकरण का कार्य हुआ है बता दें कि पानी डामर का सबसे बड़ा दुश्मन है। जिससे कुछ ही दिनों में सड़क खराब होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। यह बता देना भी जरूरी है कि २, 3 वर्ष पहले भी इस सड़क का डामरीकरण का कार्य बरसात शुरू होने के ठीक पहले किया गया था और इस बार भी बरसात शुरू होने के ठीक पहले ही इसका कार्य कराया गया है इस पर सवाल उठना लाजमी है आखिर ऐसा क्यों होता है जब सब को यह पता है कि पानी गिरने के बाद डामर की सड़क ज्यादा टीकेगी नहीं तो फिर क्यों ऐसा किया जाता है पिछली बार जब डामरीकरण का कार्य हुआ था उसके तुरंत बाद पानी गिर गया था और सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो गए थे। आखिर जिम्मेदार क्या चाहते हैं।