हम चोरों से डरने वाले नहीं हैं, चाहे उनका सरनेम जो भी हो: भूपेश बघेल

 

0 कहा लोकसभा, राज्यसभा में बोलने से रोका जा रहे है, हम जनता की अदालत में जाएंगे

नईदिल्ली। संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित किये जाने के बाद कांग्रेस की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जमकर नाराजगी जताई।

बघेल ने कहा सूरत की अदालत से लेकर लोकसभा तक जिस गति से फैसले हुए हैं उससे साफ जाहिर है कि सबकुछ सामान्य नहीं है। विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। हम दबने वाले नहीं हैं। लोकसभा, राज्यसभा में आप रोक सकते हैं, लेकिन जनता की अदालत खुली हुई है। हम लोगों तक जाएंगे और उनको बताएंगे कि हम चोरों से डरने वाले नहीं हैं, चाहे उनका सरनेम जो भी हो। बघेल ने दुनिया के तानाशाहों से तुलना करते हुए कहा कि इनकी दो विशेषताएं होती हैं। तानाशाहों को डर होता है कि लोग उससे डरना बंद न कर दें, दूसरा अपने विरोधियों को चुप कराकर, रास्ते से हटाने की कोशिश करता है।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में हमें अपने लोकतंत्र में तानाशाही के सारे गुणसूत्र दिखाई पड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा हमसे गलती हुई कि इस गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू करने का मौका दिया।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा आरएसएस का सपना था कि देश में तानाशाही लागू हो, अब स्पष्ट है कि अपनी शताब्दी का जश्न मनाने से पहले आरएसएस भाजपा के जरिये भारत को पूरी तरह तानाशाही के गर्त में धकेल देना चाहती है।

उन्होंने कहा कांग्रेस हमेशा आततायियों का विरोध करती रही है और जीतती रही है। कांग्रेस पार्टी जब शक्तिशाली गोरों से नहीं डरी तो चोरों से डरने का प्रश्न ही नहीं है।

भूपेश बघेल ने कहा राहुल गांधी जी ने पूरे देश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान डरो मत का संदेश दिया है। हम कांग्रेस के सिपाही हैं, हम महात्मा गांधी के अनुयायी हैं और राहुल गांधी जी के अगुवाई में लड़ रहे हैं। हम न डरे हैं, न डरेंगे, न हारे थे, न हारेंगे।