भाटापारा। केंद्र की मोदी की सरकार ने होली त्यौहार के पहले एक बार फिर से गैस सिलेंडर के दाम में वृद्धि करके महंगाई को और बढ़ाने का कार्य कर दिया है इसको लेकर महिलाओं में काफी नाराजगी है। घरेलू रसोई गैस में एक बार फिर से मोदी सरकार ने तड़का लगा दिया और 1मार्च दिन बुधवार से 50 रूपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी कर दी है। इसके अतिरिक्त कमर्शियल गैस सिलेंडर में भी ₹351 प्रति सिलेंडर की वृद्धि कर दी गई है। गैस में हुई मूल्य वृद्धि का गैस उपभोक्ताओं में काफी विरोध देखा गया है और इसको लेकर लोगों में अत्यधिक नाराजगी है विशेष करके गृहणी ओं में।
इस मूल्यवृद्धि से गैस उपभोक्ताओं में जबरदस्त नाराजगी आक्रोश देखा गया है । पूर्व में गैस सिलेंडर का भाव घर पहुंच का 1132 प्रति गैस सिलेंडर था जो 1 मार्च दिन बुधवार से 1182 रुपये प्रति गैस सिलेंडर हो गया है जबकि कमर्शियल गैस सिलेंडर का भाव 2322 रुपये हो गया है ।लगातार गैस के दामों में वृद्धि होने से लोगों ने केंद्र सरकार को पूर्णता विफल बताया है। महंगाई केंद्र कि मोदी सरकार में चरम सीमा पर पहुंच चुकी है । गैस उपभोक्ताओं ने लगातार बढ़ते गैस के दाम पर नाराजगी व्यक्त की है मध्यम परिवारों में गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर बेहद नाराजगी देखी गई है उनका कहना है कि देश में मध्यम परिवारों की ओर किसी भी सरकार का ध्यान नहीं है और हर मामले में मध्यम परिवार को ही भुगतना पड़ रहा है महंगाई की मार सबसे ज्यादा मध्यम परिवारों पर ही पड़ रही है। गैस के दाम बढ़ने पर कुछ गृहणी ओं से बात की गई तो सभी महिलाओं ने बढ़ते गैस के दाम पर अपनी नाराजगी प्रकट की। शासकीय सेवक उषा साहू ने कहा कि इस प्रकार लगातार गैस के दाम में वृद्धि होने से हम लोगों को काफी संकटों का सामना करना पड़ता है हमारा बजट बिगड़ने लगता है सरकार को रसोई गैस की कीमतों पर नियंत्रण करना चाहिए। इसी प्रकार किरण यादव ने कहा कि लगता है सरकार को घर चलाने वाली महिलाओं का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है लगातार गैस के दाम में वृद्धि से घर चलाने वाली महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। एक अन्य महिला ने कहा कि ऐसा क्या हो गया है कि हर बार रसोई गैस के दाम में वृद्धि हो जा रही है जबकि वहीं भारतीय जनता पार्टी जब केंद्र में सत्ता में नहीं थी तो गैस के दाम बढ़ रहे करके प्रदर्शन किया करती थी। अब लगता है वह सब कुछ भूल चुकी है सत्ता में आते ही राजनीतिक दल के लोगों को क्या हो जाता है यह समझ से परे है।