छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू, कहा- बस्तर अब माओवादी हिंसा से मुक्त होकर विकासगढ़ के रुप में बनाया पहचान

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र की शुरूआत राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि आदिवासियों के हित में प्रदेश में पेसा कानून के लिए नियम बनाए गए हैं। राज्य सरकार ने न्याय की अवधारणा को व्यापक विस्तार देते हुए जेल में बंद और अनावश्यक मुकदमेबाजी में उलझे आदिवासियों की रिहाई सुनिश्चित की है। साथ ही उनके आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण के लिए अनेक उपाय किए हैं। वहीं, आदिवासी युवाओं के लिए ’बस्तर फाइटर्स’ बल में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि तेरह वर्षों से बंद 300 स्कूलों का जीर्णोद्धार करते हुए इन्हें फिर से शुरू किया गया है।  इस प्रयासों के कारण ही बस्तर अब माओवादी हिंसा से मुक्त होकर विकासगढ़ के रूप में नई पहचान पा रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासां के कारण माओवादी संगठन से जुड़े अनेक लोगों की मुख्यधारा में वापसी भी सुनिश्चित हो रही है।
अनुपूरक अनुमान सदन में पेश
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्तीय वर्ष का तीसरा अनुपूरक अनुमान भी सदन में पेश किया।
यह बजट सत्र चौबीस मार्च तक चलेगा। इस दौरान कुल चौदह बैठकें होंगी। मुख्यमंत्री छह मार्च सोमवार को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करेंगे।
इससे पहले, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने विधानसभा परिसर में मंत्रियों के लिए बनाए गए नये कक्षों का उद्घाटन किया। वहीं, विधानसभा परिसर में विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने एक नवीन मोबाईल ऐप का शुभारंभ भी किया।