भारत में करोड़ों रूपयों की हाई प्रोफाईल ऑन लाईन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, छत्तीसगढ़ पुलिस को मिली बड़ी सफलता

 

छत्तीसगढ़ के कई जिलों के लाखों की ठगी करने वालों का हुआ पर्दाफाश और होंगे और खुलासे

राजनांदगांव। छग प्रदेश के अधिकांश जिलों में कई महीनों से ऑन लाईन ठगी की शिकायत दिनों दिन बढ़ रही थी। कई लोगों के बैंक खातों से पलक झपकते ही रकम गायब हो गये। बैंक अधिकारी भी उपभोक्तओं के शिकायत पर हाथ खड़े कर देते थे। लोग परेशान हो गये थे। यह बात सही है कि बैंक समय समय पर अपने उपभोक्ताओं को सचेत भी करती है, लेकिन लोग ठगों के नकली बैंक अधिकारी बनकर लुभावनी बातों से ठगी के शिकार हो जाते है। राजनांदगांव जिले में तो ऐसे कोई तहसील नहीं बची होगी, जहां मोबाईल के माध्यम से बैंक अधिकारी या अन्य अधिकारी ऑन ठगी को अंजाम देते है। राजनांदगांव पुलिस कई दिनों से तेजी से अभियान चला रही थी। आखिरीकार राजनांदगांव, रायपुर, महासमुंद और दंतेवाड़ा, कांकेर की पुलिस ने योजनाबद्ध ढंग से ठगों के तह में जाकर खोजबीन करके झारखंड से ठगों को पकड़कर लायी, लेकिन इस ऑन लाईन ठगी का मॉस्टर माइंड संदीप मंडल जो बंगाल प्रदेश का रहने वाला है, वह पुलिस के शिकंजे से अभी दूर है, लेकिन उसके गुर्गे पकड़ में आ गये है। जिससे ऑन लाईन ठगी का भारी खुलासा होगा। इन लोगों ने राजनांदगांव में 40 लाख से अधिक रूपयों की ठगी की है। वहीं छग के अन्य जिलों में लाखों के ठगी के मामले सामने आये है। छग पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।
आज जिला पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने पत्रकार वार्ता में बताया कि ऑन लाईन, एटीएम और अन्य तरीकों से ठगी करने वालों को पकड़ने में सफलता मिली है। आये दिन शिकायत आती रहती थी और हम लोग तलाश कर ही रहे थे। इसी दौरान पुलिस विभाग में रिटायर्ड भगवान सिंह सलामे उम्र 60 साल निवासी अंबागढ़ चौकी के द्वारा 16 जुलाई 2020 को थाना अंबागढ़ चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराये कि 15 जुलाई 2020 को अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कर अपने आप को पेंशन अधिकारी बताकर बैंक खाते एवं एटीएम की संपूर्ण जानकारी लेकर खाते से 18.33 लाख रूपये का धोखाधड़ी कर आहरण कर लिया गया है। रिपोर्ट पर थाना अंबागढ़ चौकी में अपराध क्रमांक 131/20 धारा 420 कायम कर विवेचना में लिया गया।
श्री शुक्ला ने बताया कि बताया कि पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज विवेकानंद सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक रायपुर डा. आनंद छाबड़ा, पुलिस महानिरीक्षक बस्तर पी. सुंदरराज के निर्देशन पर हम लोगों ने तत्काल प्रार्थी शिकायत पर एक टीम गठित की और बिहार झारखंड पुलिस अधीक्षकों से चर्चा की और ऑन लाईन ठगी के बारे में विस्तार से बतायी। वहीं इस मुहिम में पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा अभिषेक पल्लव, पुलिस अधीक्षक महासमुंद प्रफुल्ल ठाकुर के निर्देशन एवं अति. पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव गोरखनाथ बघेल, श्रीमती सुरेशा चौबे एवं नगर पुलिस अधीक्षक मणीशंकर चंद्रा, एसडीओपी अं. चौकी घनश्याम कामड़े मार्गदर्शन में उप पुलिस अधीक्षक एवं लालबाग थाना प्रभारी प्रशिक्षु मयंक रणसिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
शुक्ला ने बताया कि विशेष टीम द्वारा कॉल किए गए मोबाईल नंबर व प्रार्थी के खाते से ट्रांसफर किए गए संपूर्ण बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर बारिकी से हर बिंदुओं पर जांच की गई, उसी दौरान छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों महासमुंद, दंतेवाड़ा, कांकेर, रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा में भी ऐसे ही घटना घटित होना पता चलने पर सभी जिलों से संपर्क कर घटना की संपूर्ण जानकारी एकत्र कर तकनीकी टीम व फिल्ड में पुलिस स्टॉफ द्वारा अथक प्रयास कर आरोपियों की पहचान कर तत्काल विशेष टीम बिहार-झारखंड की ओर रवाना हुई। दंतेवाड़ा एवं महासमुंद की टीम भी अपने-अपने जिले से आरोपियों की पता-तलाश हेतु बिहार-झारखंड पहुंची। अलग-अलग जिलों के पुलिस स्टॉफ द्वारा संयुक्त टीम बनाकर स्थानीय पुलिस की मदद से बिहार-झारखंड के अलग-अलग स्थानों में रेड कार्यवाही कर घेराबंदी कर 5 आरोपियों को पकड़ा गया।  शुक्ला ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ पर पता चला कि ठगों के गिरोह द्वारा पूरे भारत में इस प्रकार के ठगी की घटना को अंजाम देकर करोड़ों रूपये की ठगी की जा चुकी है। प्रार्थी को फोन करने, खातों की जानकारी लेने, खातों से रकम दूसरे खातों में भेजने से लेकर एटीएम से रकम आहरण करने ठगों के टीम के अलग-अलग सदस्यों की भूमिका निर्धारित होती है, जिनको उनके कार्यो के आधार पर कमीशन दिया जाता है। पुलिस को गुमराह करने हेतु आरोपियों द्वारा पं. बंगाल के महिलाओं के नाम पर फर्जी सिम खरीदकर बिहार-झारखंड बार्डर के जंगलों में बैठकर ठगी के लिए फोन करते थे ठगी कर आरोपी अलग-अलग दिशाओं में चले जाते थे। रकम आहरण करने हेतु झारखंड के देवघर, गिरिडिह, डुमका जिले के अलग-अलग एटीएम का उपयोग करते थे। रकम आहरण पश्चात् वापस बिहार आकर अपने-अपने ठिकानों में चले जाते थे।
जिला पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि विशेष टीम द्वारा आरोपी बाबुर अली हेम्ब्राम पिता लखीराम हेम्बाम उम्र 30 वर्ष साकिन लीलावरण पोस्ट चुआपानी थाना बंधुआकुरावा (पुराना थाना बौन्सी) जिला बांका (बिहार), मनोज कुमार राय पिता जर्नादन राय निवासी लीलावरण थाना बंधुआकुरावा (पुराना थाना बौन्सी) जिला बांका (बिहार), रोहित कुमार यादव पिता भगिरोध यादव निवासी झालर थाना बंधुआकुरावा (पुराना थाना बौन्सी) जिला बांका (बिहार), पिंटु कुमार मंडल पिता छोटन मंडल निवासी बगीचा थाना बौन्सी बिहार एवं जितेन्द्र चौधरी पिता देवेन्द्र चौधरी निवासी लीलावरण थाना बंधुआकुरावा (पुराना थाना बौन्सी) जिला बांका (बिहार) को गिरफ्तार कर आरोपियों के कब्जे से 7 नग विभिन्न कंपनियों के मोबाईल, 2 नग लैपटॉप, 1 नग कलर प्रिंटर, 12 नग विभिन्न बैंकों के एटीएम, 2 नग इंडिया पोष्ट पेयमेंट बैंक का कार्ड, 2 नग जियों कंपनी का नया सिम, 4 नग आधार कार्ड, 2 नग मतदाता परिचय पत्र, 2 नग पैनकार्ड सहित 3 लाख 62 हजार रूपये नगद जप्त किया गया। उपरोक्त कार्यवाही में उप पुलिस अधीक्षक (प्रशिक्षु) मयंक रणसिंह, निरीक्षक अमित पाटले (दंतेवाड़ा), उप निरीक्षक नरेन्द्र मिश्रा, उप निरीक्षक संजय राजपूत (महासमुंद), उप निरीक्षक शैलेश पाण्डेय (देवघर), सउनि विकास शर्मा (महासमुंद), प्रधान आरक्षक बसंत राव, जी सिरिल, मिनेश धु्रव (महासमुंद), आरक्षक मनीष मानिकपुरी, प्रवीण मेश्राम, राकेश धु्रव, आदित्य सिंह, हेमन्त साहू (सायबर सेल राजनांदगांव), रविन्द्र गुप्ता (दंतेवाड़ा), जुगेश सिंह पैकरा (दंतेवाड़ा), शुभम पाण्डेय (महासमुंद), विरेन्द्र नेताम (महासमुंद) की सराहनीय भूमिका रही।
जिला पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि ने बताया कि राजनांदगांव की हमारी टीम हाई प्रोफाईल ऑन लाईन ठगी करने वाले मुकाम पर पहंुचे तो मालूम पड़ा कि झारखंड के इस क्षेत्र के अधिकांश लोग इस तरह का ऑन लाईन ठगी ऑल इंडिया करते है। हमारी टीम जाने से वहां भारी भगदड़ मच गयी, लेकिन झारखंड-बिहार पुलिस के सहयोग से हम लोगों ने छग में जिन लोगों से ऑन लाईन ठगी की गयी थी, उनके 5 आरोपियों को उन सबको धर दबोचा। बताया जाता है कि ये लोग कम पढ़े लिख है। इसमें से एक आरोपी संजय चौधरी ग्रेज्युएट है। ये लोग दिखने में तो फटीचर टाईप के लगते है, लेकिन इन लोगों के 10-15 लाख के अच्छे अच्छे घर बिहार और झारखंड में बने हुए है, जो लोग पकड़ाये है, वे लोग सिर्फ कमीशन में काम करते है। इन लोगों का बहुत बड़ा नेटवर्क है, जो पूरे देश में सक्रिय है।

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