महंगाई के चलते रसोई का बजट बिगड़ा: तेल,आटा, शक्कर के भाव में तेजी, सब्जी भी हुई महंगी

 

भाटापारा। ठंड के दिनों में खाने का स्वाद बढ़ जाता है और खाने पीने की चीजें लोगों के द्वारा ज्यादा खाई जाती है लेकिन इस बार महंगाई ने लोगों का मन ही खराब कर दिया है खाद्य पदार्थों के दिन-ब-दिन बढ़ते दामों की वजह से रसोई का बजट बिगड़ता ही जा रहा है महिलाओं के सामने समस्याएं दिनों दिन बढ़ रही है नवंबर माह का 15 दिन बीतने को है लेकिन सीजनेबल सब्जियों के दाम मैं कोई कमी नजर नहीं आ रही है उल्टे दाम बढ़े हुए हैं तेरी आंखें से लेकर चावल दाल शक्कर के भाव भी बड़े हुए हैं। लगातार बढ़ रही महंगाई लोगों को आर्थिक रूप से परेशान कर रखी है बीते 1 माह के भीतर खाद्य तेल के भाव में 150रुपये से ₹200 तक की वृद्धि दर्ज की गई है किसी के अनुपात में प्रति लीटर भाव भी बढ़ चुका है पैकिंग किया हुआ तेल हो या पीपे वाला तेल हो सभी में तेजी का रुख है वहीं दूसरी तरफ आटे मैं भी तेजी बनी हुई है बताते हैं कि देश में गेहूं की किल्लत होने की वजह से भी गेहूं के दाम में उछाल आया है इसको सरकार कैसे नियंत्रण करेगी यह देखने वाली बात होगी बताते हैं कि गेहूं के दाम में भारी वृद्धि दर्ज की गई है दीपावली के बाद गेहूं के दाम में ₹400 से लेकर ₹500 तक क्विंटल की तेजी आ गई है वही प्रति किलो गेहूं में भी लगभग ₹5 की वृद्धि हो चुकी है। इस प्रकार खाने पीने की चीजों में लगातार मूल्य वृद्धि हो रही है दुकानों में पहुंचकर कुछ ग्राहकों से बातचीत की गई उसमें सुरेश कुमार अग्रवाल ने चर्चा करते हुए कहा कि महंगाई पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है सरकारे सिर्फ अपने मतलब की और ध्यान देती हैं जबकि आम आदमी इसमें पीस रहा है। इसी प्रकार एक अन्य ग्राहक शंकर यादव ने कहा कि हम लोग मध्यम परिवार से हैं लेकिन आज जितना भी कमाते हैं महंगाई के कारण हमारी जरूरत है पूरी नहीं हो पा रही है और बहुत सी जरूरतों का सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। रोजाना खाने पीने की वस्तुएं भी हमको आधी अधूरी खरीद कर ही काम चलाना पड़ रहा है। ग्राहक विजय कुमार गुप्ता जब एक दुकान में सामान लेने पहुंचे तब हम वहीं पर मौजूद थे उसने चर्चा में कहा कि देश की केंद्र की सरकार महंगाई नियंत्रण करने में पूरी तरह से विफल हो चुकी है लगातार बढ़ती महंगाई को देखते हुए ऐसा लगता है कि सरकार का ध्यान महंगाई नियंत्रण की ओर नहीं है जबकि देश के 80% लोगों को इस महंगाई की मार से जूझ रहे हैं।

राशन की कीमतें कम होने का अनुमान
त्यौहार के बाद राशन की कीमतें कम होने का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन ठीक इसके विपरीत लगभग हर चीजों के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है दाल चावल आटा घी और शक्कर पिछले महीने की तुलना में इस बार सब महंगा हो गया है। लगातार महंगाई क्यों बोल रही है यह समझ से परे है।
संजय गुप्ता
किराना व्यवसाई