आपकी बात: अंग्रेज बने सफेद गेंद के ‘सुपर बॉस’

O संजीव वर्मा
जोश-जुनून-जज्बा और रोमांच से भरपूर टी-20 विश्वकप का थ्रिलर अपने चरम पर पहुंचने के बाद थम गया। अंग्रेजों ने एक बार फिर इस प्रतिष्ठित खिताब पर कब्जा कर बता दिया कि वे सही मायनों में सफेद गेंद के ‘सुपर बॉस’ है। फायनल में पाकिस्तान को उसने 5 विकेट से हराया। इससे पहले इंग्लैंड ने टी-20 विश्वकप का खिताब 2010 में जीता था। अब दूसरी बार यह खिताब अपने नाम पर उसने वेस्टइंडीज की बराबरी कर ली। साथ ही वह क्रिकेट के इतिहास में दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया जो कि टी-20  और एक दिवसीय विश्वकप दोनों का मौजूदा चैम्पियन है। इससे पहले कोई भी देश ऐसा कमाल नहीं कर सका है। उसने 2019 में अपने घर में न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार एक दिवसीय विश्वकप का खिताब जीता था। शुरुआती तीन एक दिवसीय विश्वकप सहित कुल 5 एक दिवसीय और एक टी-20 विश्वकप के मेजबान रहे इंग्लैंड ने एकमात्र टी-20 विश्वकप का खिताब 2010 में पॉल कोलिंगवुड की कप्तानी में जीता था, लेकिन उनका सफेद गेंद का खेल 2015 विश्वकप के पहले दौरे में बाहर हो जाने के बाद बदला। वैसे इस टी-20 विश्वकप की बात करें तो इंग्लैंड ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया है। उसने शुरुआती मैच में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और श्रीलंका जैसी मजबूत टीम को हराया। हालांकि एक अनजान टीम आयरलैंड से पराजित भी हुआ। लेकिन इससे उसके सेमीफायनल में पहुंचने पर कोई फर्क नहीं पड़ा। दूसरी ओर पाकिस्तान भाग्य के भरोसे फायनल तक का सफर तय किया था। वे अपने आपको  जीत का दावेदार भी मानने लगे थे। पाकिस्तानी क्रिकेट के प्रशंसक 1992 की तरह जीत की आस लगाए बैठे थे। दरअसल 1992 विश्वकप में भी इमरान खान की कप्तानी वाली टीम जोड़-तोड़ के सहारे पहुंची थी और विश्वकप का खिताब जीता था।  इस बार भी इसी तरह का संयोग बना था। लेकिन इस बार फायनल में भाग्य ने साथ नहीं दिया और मेहनत तथा दमखम दिखाने वाली टीम विजयी हुई। फायनल से पहले 1992 टीम के कप्तान इमरान खान का ट्वीट भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों के काम नहीं आया। पाकिस्तान के लिए फायनल से पहले वहीं हो रहा था जो 1992 में हुआ था। दोनों ही जगह वह भाग्य के सहारे सेमीफायनल में पहुंचा, जहां न्यूजीलैंड को हराया। फायनल में भी 1992 की तरह इंग्लैंड उसके सामने था। खेला भी बाद में, लेकिन अंत में जीत उसके हाथ से निकल गई। इंग्लैंड की इस जीत में बेन स्ट्रोक्स हीरो बनकर उभरे। साथ में गेंदबाज सैम कुर्रन ने अहम भूमिका निभाई। मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज कुर्रन ने फायनल में तीन विकेट लिए। साथ में लेग स्पिनर आदिल राशिद ने दो विकेट लेकर एक मेडन भी फेंका, जिससे पाकिस्तानी टीम आठ विकेट पर 137 रन ही बना सकी। एक समय पाकिस्तान की शानदार गेंदबाजी के सामने इंग्लैंड की टीम दबाव में आ गई थी, लेकिन शाहीन आफरीदी के चोटिल होने और मात्र 2.1 ओवर ही गेंदबाजी करने तथा बेन स्ट्रोक्स की संयमपूर्ण अर्धशतकीय पारी ने उसे चैम्पियन बना दिया। ये वही बेन स्ट्रोक्स है, जिन्हें 2016 टी-20 विश्वकप के फायनल में कार्लोस ब्रेथवेट ने आखिरी ओवर में चार छक्के जड़कर वेस्टइंडीज को चैम्पियन बनाया था। जबकि स्टोक्स ने 2019 में एक दिवसीय विश्वकप के फायनल में नाबाद 84 रनों की पारी खेलकर अपनी टीम को चैम्पियन बनाया था। पाकिस्तान की बात करें तो कप्तान बाबर आजम अपने देश के महान क्रिकेट खिलाड़ी इमरान खान की उपलब्धि (एक दिवसीय विश्वकप विजेता टीम के कप्तान) की बराबरी करना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बहरहाल, इंग्लैंड की जीत और पाकिस्तान की हार के बाद भारत में भी जश्न देखा गया, जो लाजिमी था। भारत जब सेमीफायनल में हारकर बाहर हुआ था, तब पाकिस्तानी टूट पड़े थे। हमारे खिलाड़ियों को गरिया रहे थे। अब बारी भारतीयों की थी। उन्होंने जैसा को तैसा की तर्ज पर जवाब दिया। लेकिन हमारा मानना है कि खेल को खेल ही रहने दें। हार-जीत खेल का ही हिस्सा है। जिस दिन जो अच्छा खेलेगा, वही जीतेगा। भारत की हार पर अब ज्यादा बात करने की जरूरत नहीं है। आगे अभी लंबा सफर तय करना है। विजयी इंग्लैड टीम को बधाई…!