सारिका प्रिटिंग प्रेस की संचालिका सारिका भारद्वाज बताती है कि वह शादी से पहले पढ़ाई के साथ-साथ प्रिटिंग प्रेस में काम करती थी। वहां से सीखा हुनर और अनुभव अब खुद का व्यवसाय करने के साथ ही अन्य महिलाओं को रोजगार देने में काम आ रहा है। सारिका कम्प्यूटर में विभिन्न डिजाईनिंग सॉफ्टवेयर जैसे कोरलड्रा, पेजमेकर, फोटोशॉप चलाने में माहिर हैं। वह डिजाइनिंग का सारा काम खुद ही संभालती है। उनके पास ऑफसेट प्रिटिंग मशीन भी है, जिसमें छपाई, कटाई व बाइडिंग काम स्वयं व समूह की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर करती है।

प्रिटिंग प्रेस से वह 5 महिलाओं को नियमित रोजगार भी उपलब्ध करवा रही है। सारे भुगतान और खर्चे निकालने के बाद उन्हें 15 हजार रुपये की शुद्ध आय प्राप्त होती हैं। सारिका भविष्य में अपने प्रिटिंग प्रेस को एक प्रिटिंग फैक्ट्री जैसे बड़े आयाम तक पहुंचाना चाहती है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मुहैय्या करवा सके। उनका मानना है कि वर्तमान समय पहले की अपेक्षा अलग है। महिलाएं पहले से ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं और उनके स्वावलंबन के लिये शासन के विभिन्न योजनाओं के साथ अनेक अवसर मौजूद हैं। ऐसे में उन्हें घर के चारदीवारी से बाहर निकलकर खुद में सक्षम बनने के लिए प्रयास करना चाहिए।