0 एक छत्तीसगढ़ और 2 झारखंड के मामले
रायपुर/ अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि पिछले सप्ताह डायन/टोनही के शक में 3 महिलाओं की हत्या हुई है जिनमे से एक मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का है और दो मामले झारखंड के हैं । डायन/टोनही के सन्देह में निर्दोष महिलाओं की हत्याएं सभ्य समाज के लिए शर्मनाक हैं। डॉ दिनेश मिश्र ने बताया ,रायगढ़ के पास थाना पूंजीपथरा के बिलासखार में पत्नी की तबियत खराब रहने पर जादू टोने की शंका में मीरा बाई (50) की मुदगल (लकड़ी के गदा) से सिर में मार कर हत्या कर दी गयी तथा घटना के बाद शव को जला दिया। घटना की रिपोर्ट मृतका के भाई किर्तन राठिया निवासी ग्राम पानीखेत द्वारा सात जुलाई को दर्ज कराया गया है। राजू की पत्नी की तबीयत खराब रहती थी तो राजू शंका करता था कि मीराबाई जादू टोना करती है। छह जुलाई को राजू की पत्नी की तबीयत खराब होने पर राजू गुस्से में आकर घर में रखें लकड़ी का मुगदल (गदा) से मां के सिर में ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दिया वहीं झारखंड के साहिबगंज जिले के राधानगर थाना क्षेत्र की मोहनपुर पंचायत के मेंहदीपुर गांव की मतलू चाैराई नामक एक 60 वर्षीय महिला की हत्या डायन बताकर कर दी गई। जिस व्यक्ति ने हत्या की उसे यह शक था कि इसने उसके बेटे को जादू टोना कर मार दिया है। महिला की हत्या गांव के सकल टुडू ने मंगलवार (7 जुलाई 2020) को गला काट कर की और धड़ से कटे सिर को लेकर बुधवार (आठ जुलाई) सुबह वह थाने पहुंच गया। इस दृश्य से सभी अवाक रह गए। बताया जाता है कि आरोपी का 25 वर्षीय बेटा साधिन टुडू बीमार था। उसे सर्दी खांसी थी और सोमवार (6 जुलाई 2020) की शाम उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद गांव में यह अफवाह फैल गई कि जादू टोना कर मतलू चाैराई ने उसकी जान ले ली। इसके बाद साधिन का पिता अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने के बजाय महिला की हत्या तय करने का ठान लियां। उसने मंगलवार (सात जुलाई) की रात मतलू की गर्दन काट कर हत्या कर दी और कट हुआ सिर लेकर अगली सुबह राधानगर थाना पहुंच गया। इससे पहले हाल में ही रांची जिले के लापुंग में दो भाइयों ने मिल कर अपनी चाची की डायन होने के संदेह में हत्या कर दी थी। रांची जिले के लापुंग थाना क्षेत्र के चालगी केवट टोली की रहने वाली 56 वर्षीया फुलमरी होनो की हत्या शनिवार, चार जुलाई 2020 को उनके दो भतीजों ने धारदार हथियार से कर दी .
डॉ दिनेश मिश्र ने कहा अंधविश्वास में पड़ कर की गई ये हत्याएं अत्यंत शर्मनाक व दुःखद हैं जादू टोने जैसे मान्यताओं का कोई अस्तित्व नही है ,और कोई महिला डायन/टोनही नहीं होती .यह अंधविश्वास है,जिस पर ग्रामीणों को भरोसा नहीं करना चाहिए .
डॉ मिश्र ने कहा विभिन्न बीमारियों के अलग अलग कारण,व लक्षण होते हैं ,संक्रमण, कुपोषण, दुर्घटनाओं से लोग अस्वस्थ होते है जिसका सही परीक्षण एवं उपचार किया जाना चाहिए ,किसी भी बैगा, गुनिया के द्वारा फैलाये भ्रम,व अंधविश्वास में पड़ कर कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए..