क्या आपने कभी नकारात्मक फीडबैक का सामना किया है? किसी दोस्त, घर के सदस्य या ऑफिस में बॉस की टिप्पणी दिल को चीरती हुई निकली है कभी? ऐसे में आपको जरूर लगा होगा कि फालतू में आपका शिकार किया जा रहा है। बेवजह ही किसी दूसरे की नाकामी का सेहरा आपके सिर पर बांधा जा रहा है। दोस्त, परिवार के सदस्य को तो जैसे-तैसे मना लेंगे, लेकिन ऑफिस में मिलने वाले नकारात्मक फीडबैक का क्या करेंगे।
ऑफिस में फीडबैक देना तो आधुनिक एचआर सिस्टम का हिस्सा बन चुका है। अच्छी बातों को तो सब बॉस बता देते हैं, लेकिन नकारात्मक टिप्पणी करने की जिम्मेदारी भी बॉस को निभानी पड़ती है। चाहे-अनचाहे रिपोर्टिंग मैनेजर के लिए अपने अधीन काम करने वालों की परफॉर्मेंस का नियमित फीडबैक देना जरूरी हो चला है। हर व्यक्ति को अपना तकनीकी ज्ञान और काम करने की समझ सही लगती है। वह अपनी सफलता का आकलन सौंपे गए कामों को समय सीमा के भीतर पूरा करने के आधार पर लगाता है। पर ऑफिस में हमारे कामों और कार्यस्थल व्यवहार पर उद्देश्यपरक नजरिया उन लोगों से प्राप्त होता है, जिनके साथ हम काम कर रहे होते हैं। यह नजरिया हम तक फीडबैक के रूप में आता है। किसी व्यक्ति की सोच और उसे अधिकारी वर्ग से मिलने वाले फीडबैक में अंतर होना मतभेद और असंतुष्टि को बढ़ाता है, साथ ही व्यक्ति की कार्यकुशलता को भी प्रभावित करता है।
एक प्रमुख पीआर फर्म में सीनियर पद पर कार्यरत नीरज का कहना है कि नकारात्मक फीडबैक का सामना करना जितना कठिन होता है, उतना ही कठिन होता है सामने वाले को फीडबैक देना। उनके मुताबिक दो लोगों के बीच सकारात्मक आलोचना के लिए दो नहीं, चार कानों की जरूरत होती है यानी दोनों पक्षों को ऐसी बातें धैर्य से सुनने के लिए मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए।
बदलाव के लिए तैयार रहें
चूंकि सामने वाले ने आपके लिए समय निकाला है और वह आपको बुला कर आपके कार्य से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दे रहा है तो आपको भी संयमित स्वर में सामने वाले को जवाब देना चाहिए। फीडबैक पर चर्चा के लिए जब रिपोर्टिंग मैनेजर ने आपको समय दिया हो तो आपको अपने जरूरी दस्तावेज साथ लेकर जाना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो तो फीडबैक मिलने पर उन बातों पर स्पष्टीकरण हासिल करें, जिनके बारे में आपको विश्वास है कि किसी तरह का भ्रम है, जिसे आप दूर करने की स्थिति में हैं और दस्तावेजों के साथ ऐसा कर सकते हैं। बॉस से जताना न भूलें कि आप भी कंपनी के इस प्रोसेस में दिल से शामिल हैं। खुले विचार से एक-एक बिंदु पर वार्तालाप करें। एक बिंदु पूरा होने पर ही अगले मुद्दे पर विचार करना शुरू करें और अन्त में उसे इस खुली चर्चा के लिए धन्यवाद देना बिल्कुल न भूलें।
नकारात्मक फीडबैक से ही खुलते हैं तरक्की के रास्ते
नकारात्मक फीडबैक के सकारात्मक पहलू भी होते हैं। कंपनी में आपके साथ काम करने वाले लोग खासकर आपके सीनियर आपके काम को किस तरीके से जानते और मानते हैं, यह फीडबैक समय पर मिल जाए तो आपको अपनी कार्य प्रणाली में सुधार लाने का पर्याप्त मौका मिल जाता है। मुंबई की एक प्रमुख सोलर एनर्जी फर्म में सोलर एविएशन एक्सपर्ट अभिजीत कहते हैं कि नकारात्मक फीडबैक आपके अनदेखे अंधेरे पक्षों को उजागर करता है। यदि संभव हो तो अपने वरिष्ठ अधिकारी से आगे बढ़ कर कुछ खास बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए कहें, ताकि वे आपसे क्या चाहते हैं, इसे आप स्पष्ट तरीके से समझ सकें। इससे आपको उस मोर्चे पर सुधार करने में मदद मिलेगी। अपनी तरक्की के लिए इन बिंदुओं पर समय रहते काम किया जाए तो कंपनी में आगे बढऩे में मदद मिलेगी। साथ ही यदि आप किसी नई जगह पर जाते हैं तो वहां इन बातों को अमल में लाकर आप अपने आगे बढऩे के रास्ते खोल सकते हैं।
कमियों को स्वीकार करना सीखें
नकारात्मक फीडबैक की मार्फत मिलने वाली जानकारी को स्वीकार करना सीखें। रिपोर्टिंग मैनेजर ने काफी समय लगा कर आपकी कार्य-शैली से जुड़ी कमियों को नोट किया है। अब यह आपके फायदे की बात है कि वह उन बातों को आपसे शेयर कर रहा है। उसका लक्ष्य आपके अहम को ठेस पहुंचाना नहीं है। फीडबैक पर मुंह फुलाने से बेहतर है कि इन बातों की अपने किसी मित्र से चर्चा करें। उससे पूछें कि क्या उसे भी ऐसा लगता है? यदि हां, तो सुधार के लिए तैयार हो जाएं।
तीन मुख्य बिंदुओं को रखें ध्यान
1. मैंने फीडबैक से क्या सीखा, मुझे क्या सुधार करने की जरूरत है?
2. मैंने इस फीडबैक से दूसरों के बारे में क्या सीखा, क्या इस मोर्चे पर मुझे कुछ करना है, क्या कार्यशैली में किसी तरह का बदलाव लाना है?
3. मैं अपने काम के तरीके और व्यवहार में कैसे परिवर्तन ला सकता हूं? कैसे नकारात्मक फीडबैक को सकारात्मक फीडबैक में बदल सकता हूं? और अंत में नकारात्मक विचारों से घबराए नहीं। कुछ सत्य होंगे, कुछ अर्ध-सत्य, पर ऐसा महसूस न करें कि हम पहले से कमजोर हुए हैं या हमारी क्षमता में कमी आई है। फीडबैक को फिल्टर करने का सिस्टम अपने अंदर विकसित करें।
धैर्य रखें, फौरन प्रतिक्रिया देने से बचें
फीडबैक हासिल करना आपका हक है। आप जो काम कर रहे हैं, उसके बारे में कंपनी की क्या राय है? क्या आपका प्रयास काफी है या उसमें सुधार की जरूरत है? अपने बॉस की बातों को ध्यान से सुनें और समझें। रिपोर्टिंग मैनेजर द्वारा कही जा रही बातों को ध्यान से सुनें, बीच में टोका-टाकी न करें। कोई स्पष्टीकरण चाहिए तो उसे मैनेजर की बात पूरी होने के बाद शालीनता से पूछें। यदि मैनेजर उस वक्त उत्तर देने की स्थिति में नहीं हैं तो बाद में मिलने का वक्त ले लें।
समझों कि बॉस क्या कहना
चाह रहा है
फीडबैक देना कंपनी का आदेश है। रिपोर्टिंग मैनेजर एचआर सिस्टम का एक हिस्सा है। नकारात्मक फीडबैक का मूल ध्येय कंपनी के काम को सही रास्ते पर चलाना है। आप भी उसी सिस्टम का हिस्सा हैं। फीडबैक देने वाला हो सकता है आपसे किसी तरह का दुराग्रह रखता हो और नकारात्मक बातें बढ़ा-चढ़ा कर कह रहा हो। त्वरित प्रतिक्रिया देने से पहले ठंडे दिमाग से सोचें कि क्या वाकई वह गंभीर है? उसकी मंशा क्या है?
जो कहा गया, वह कितना सही है,
खुद मूल्यांकन करें
अभिजीत बांधकर कहते हैं कि अधूरा सत्य खतरनाक होता है। सामने वाला किस हैसियत से और क्या कह रहा है, उसकी स्थिति क्या है, यह जरूर गौर करें। आपका काम किस स्तर का है, इसका कुछ अंदाजा आपको भी होगा। एकदम से इस नतीजे पर न पहुंचें कि हर कोई मेरे पीछे पड़ा रहता है। जरूरत से ज्यादा नकारात्मकता ओढऩे से बचें। कोई बड़ी भूल न कर बैठें।
गीता तनेजा