जयपुर/ विधायकों को प्रलोभन देकर राज्य की निर्वाचित कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के आरोपों पर राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट व सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को बयान देने के लिए बुलाया है। एसओजी ने शुक्रवार को ही इस बारे में एक एफआईआर दर्ज की थी।
आधिकारिक सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस मामले में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सरकार के मुख्य सचेतक को नोटिस जारी किए गए हैं कि वे अपने अपने बयान दर्ज करवाएं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में 12 विधायकों और अन्य लोगों को भी जल्द ही नोटिस जारी किए जा सकते हैं। इस बीच एसओजी ने उन दो लोगों को हिरासत में लिया है जिनके फोन कॉल की निगरानी की गई थी।
एसओजी के एक अधिकारी के अनुसार, शुक्रवार देर रात एक व्यक्ति को उदयपुर और एक को अजमेर जिले में हिरासत में लिया गया। उन्हें पूछताछ के लिए जयपुर लाया जा रहा है।
राज्य बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस पर पार्टी नेता ओम माथुर ने कहा कि जब से राजस्थान में सरकार बनी तभी से इस सरकार के आचरण में गिरावट आई है, जिसने सरकार बनाने के लिए मेहनत की उसे पीछे धकेल दिया और जो यहां दिल्ली में बैठकर राजनीति कर रहा था वो CM बन गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्यसभा का चुनाव आने पर आपस का झगड़ा निपटाने के लिए इन्होंने भाजपा को टारगेट किया। इससे ये कंफर्म होता है कि मुख्यमंत्री को ये डर सता रहा है कि मेरे खिलाफ वायुमंडल है।
उल्लेखनीय है कि एसओजी ने इस बारे में दो मोबाइल नंबरों की निगरानी से सामने आये तथ्यों के आधार पर राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों में शुक्रवार को एक मामला दर्ज किया। एसओजी अधिकारियों के अनुसार इन नंबरों पर हुई बातचीत से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार को गिराने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है।
गत 19 जून को राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था। पार्टी की ओर से इसकी शिकायत विशेष कार्यबल (एसओजी) को की गयी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये की नकदी जयपुर स्थानांतरित हो रही है।
राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक और भाजपा के पास 72 विधायक हैं। राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है।