जरूरतमंद विद्यार्थियों को एंड्रॉयड मोबाइल देंगे व्यापारी

एंड्रॉयड मोबाइल न होने के चलते अधिकतर विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित – कैट टीम ने कसी कमर 
रायपुर।  कोरोना महामारी के चलते पूरा देश लॉकडाउन है। इसे देखते हुए राज्य के शिक्षा बोर्ड ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस लगाकर पढ़ाना शुरू कर दिया गया है। लेकिन मुश्किल यह है कि अधिकांश अभिभावकों के पास एंड्रायड मोबाइल ही नहीं है, जिससे जरूरतमंद विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह गए हैं। इसी तारतम्य में आज कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारिणी की एक अति आवश्यक बैठक विडिओ कान्फ्रेंस के माध्यम से सपन्न हुई।  जिसमें सभी ने अमर पारवानी  नेतृत्व में संकल्प लिया की सभी व्यपारियों एवं व्यपारिक संगठनों के सहयोग से पुराने मोबाइल जो की सभी के पास एक-दो रखे होते है, उसे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को स्कुल के माध्यम से देने हेतु एक समग्र योजना बनाई गई है ! गौरतलब है की  अब लॉकडाउन के दौरान घर चलाने के लिए परेशान इन अभिभावकों पर एंड्रायड मोबाइल खरीदने व उसका रीचार्ज करवाने का खर्चा अलग से बढने लगा है। अध्यापकों के अनुसार लगभग 40 से 50  प्रतिशत विद्यार्थियों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं है।
राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले लगभग 1 लाख अध्यापकों द्वारा 15-20 लाख के करीब विद्यार्थियों को जूम ऐप तथा वाट्सअप के जरिए स्कूल का काम भेजा व चेक किया जा रहा है। अध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों को अप्रैल तथा मई महीने का सिलेबस ऑनलाइन मुहैया करवानेे के साथ पाठ्îक्रम की आडियो-वीडियो तैयार करके विद्यार्थियों के पास सोशल मीडिया के जरिए भेजी जा रही है लेकिन एंड्रायड मोबाइल ना होने से जरूरतमंद विद्यार्थी इस सुविधा से वंचित हैं। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने सिर्फ इतना कहा कि बच्चों को पढ़ाना भी जरूरी है। आनलाइन पढ़ाई बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है।

 

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