नई दिल्ली, (आलोक सारस्वत)। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान आज मध्यप्रदेश के दो सांसदो कांग्रेस से भाजपा में आये ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह एक-दूसरे से अलग ही अंदाज में बातें करते दिखे। सिंधिया ने कृषि सुधार के मसले को लेकर कांग्रेस पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया तो उनके तुरंत बाद भाषण देने उठे कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिंधिया जी को बधाई। मैं आपको बधाई देता हूं, जितने अच्छे ढंग से आप यूपीए के कार्यकाल के दौरान यूपीए का पक्ष रखते थे, आज आपने बीजेपी का भी पक्ष सदन में रखा है, वाह जी महाराज वाह। इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह सब आपका ही आशीर्वाद है, इस पर दिग्विजय बोले, हमारा आशीर्वाद आपके साथ था और आगे भी रहेगा। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में कृषि सुधार का एजेंडा पेश किया गया था, उस समय के हमारे कृषि मंत्री शरद पवार ने 2010-2011 में हर मुख्यमंत्री को चिटठी लिखी थी और कहा था कि कृषि में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी जरूरी है और इसके लिए एपीएमसी कानून में संशोधन होना चाहिए। जुबान बदलने की आदत हमें बदलनी होगी, पट भी मेरी और चट भी मेरी, यह कब तक चलेगा? इसके विपरीत तीनो कृषि कानूनों का विरोध करत हुए श्री सिंह ने कहा कि जिस तरह से इन्हें विशेष रूप से राज्य सभा में पारित कराया गया, वह तो बहुत ही खेद जनक है। यहां तक उन विधेयको पर मतदान तक नहीं कराया। सिंधिया और दिग्विजय सिंह की कोराना मसले पर भी खूब नोंक झोंक हुई। सिंधिया ने जहां कोराना से निपटने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यो का गुणगान किया वहीं दिग्विजय सिंह ने कोराना से निपटने में प्रधानमंत्री की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यदि सहीं समय पर कोराना से निपटने के लिए कदम उठाये गये होते तो यह महामारी इतनी नहीं फैलती पर प्रधानमंत्री तो नमस्ते ट्रम्प, थाली बजवाने, दीपक जलाने, मध्यप्रदेश में सरकार गिराने जैसे कार्यक्रमों में ही लगे रहे। सिंह ने राज्य सरकारों से बिना विचार विमर्श किए जल्दबाजी में लाक डाउन कराने से श्रमिको को जो त्रासदी झेेलनी पड़ी वह तो बहुत ही भयावह रही।
हमारा आशीर्वाद आपके साथ था और आगे भी रहेगा: दिग्विजय
