आंदोलनरत किसानों को नैतिक समर्थन दें : अश्विनी साहू

पाटन/ केंद्र की भाजपा की सरकार बड़ी-बड़ी वादों के साथ दोबारा सत्ता में आई थी, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी लेकिन जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने 3 विधेयक देश के संसद में बिना चर्चा के एकतरफा मनमानी पूर्ण तरीके से पारित किया जिसका परिणाम अब दिल्ली के सीमा पर दिख रहा हैl  देश का वह किसान जो घर का काम एवं खेती का काम छोड़ कर अपनी भूमि जिसे वह मां कहते हैं उसे पूंजीपति के चंगुल से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उसे हम पवित्र मन से जहां है वहां से भी नैतिक समर्थन कर सकते हैंl ये बात वरिष्ठ कांग्रेस नेता और तहसील साहू संघ के अध्यक्ष अश्विनी साहू ने कही है। उन्होंने कहा कि समर्थन का तरीका अलग-अलग हो सकता है। क्योंकि प्रजातंत्र में धरना-प्रदर्शन,जेल भरो आंदोलन या प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन हो सकता है। यह समय किसान भाइयों के मनोबल को बढ़ाने का है। जिससे वे लोग संयम से केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध कर सके। देश के व्यापारी वर्ग, ट्रेड यूनियन, युवा छात्र संगठन, कर्मचारी संगठन आदि संस्थाएं भी देश हित में एवं किसान हित में अपना नैतिक समर्थन देवें। यदि कृषि एवं किसान नहीं रहेंगे तो देश की अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी। किसी भी राज्य या देश की सरकार के कोई भी कानून जो  देश या उस प्रदेश की जनता के हित में नहीं है तो वह कानून किस काम का। श्री साहू ने सभी वर्गों के नागरिकों से आग्रह किया है कि दिल्ली में संघर्षरत किसान भाइयों के समर्थन में राष्ट्रहित में नैतिक समर्थन दें।

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