पाटन। कांग्रेस नेता अश्वनी साहू ने एक बार फिर सांसद विजय बघेल पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि विजय बघेल राजभवन जाकर राज्यपाल पर अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या देश के संविधान और न्यायपालिका से सांसद बनते ही विजय बघेल का भरोसा उठ गया है? विजय बघेल पूर्व में संसदीय सचिव रहते पुलिस वाले के साथ किस तरह से व्यवहार करते थे, क्षेत्र की जनता को सब मालूम है। छत्तीसगढ़ के सभी भाजपा सांसद छत्तीसगढ़ के हित के लिए मोदी सरकार के ऊपर दबाव बनाते और छत्तीसगढ़ का हित करते तो कांग्रेस कार्यकर्ता भी राजनीति से परे होकर स्वागत करते। दरअसल सासंद विजय बघेल के पास हिम्मत ही नहीं है कि वे केंद्र की मोदी सरकार से कहें और मांग करें कि देश भर के किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए दें। श्री साहू ने कहा कि विजय बघेल को न्यायालय पर भरोसा है तो इंतजार करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने भाजपा के कई नेता जामगांव एम के शराब लूटने वाले प्रकरण पर राजभवन तक पहुंच गए।
उन्होंने कहा कि भाजपा 15 साल के बाद सत्ता गंवाने से सहम गई है। पार्टी में गुटबाजी चरम सीमा पर है। सभी नेता अपना सिक्का जमाने की कोशिश कर रहे हैं, तभी तो पाटन में राज्यसभा सांसद, प्रदेश अध्यक्ष, दुर्ग जिला के भाजपा अध्यक्ष, भिलाई जिलाध्यक्ष, बेमेतरा जिला अध्यक्ष सहित बहुत सारे नेता नदारद रहे।
वैसे भी छत्तीसगढ़ भाजपा को मारवाही चुनाव का डर सता रहा है। जोगी परिवार के चुनाव से वंचित होते ही भाजपा सदमे में है जिससे वह उबर ही नही पा रहा है, क्योंकि अब जुगलबंदी खत्म हो गई है। छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में इस बार मरवाही मे कांग्रेस फतह हासिल करेगी।