केन्द्र की मोदी सरकार के किसान विरोधी बिल के खिलाफ हस्ताक्षरअभियान चलाने को लेकर बैठक हुई

भाटापारा/ जिला कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल के नेतृत्व में  केंद्र की मोदी सरकार के तीन  किसान विरोधी बिल के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाए जाने संबंधी बैठक आयोजित की गई. बैठक में हस्ताक्षर अभियान के भाटापारा प्रभारी आर्यन शुक्ला  एवम गोपी साहू  गरिमामय उपस्थिति रही, जिसमें कृषि बिल की खामियों को किसानों एवं गरीब  मजदूरों तक पहुंचाना है जिससे कि इस बिल के आने से जो गरीब किसान मजदूर वर्ग पर कुठाराघात होगा उसके प्रति लोगों को सचेत एवं जागरूक करना है,  इसलिए अधिक से अधिक लोगों को इस बिल की खामियों को बताते हुए उनसे हस्ताक्षर करवाकर राष्ट्रपति को प्रेषित करना है ताकि केंद्र सरकार इस काले कानून को वापस लेने मजबूर हो और किसान भाइयों का हित बना रहे. इस काले कानून से जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा.  केवल बड़े पूंजीपतियों को लाभ होगा. किसान अपने खेत में मजदूर होंगे, महंगाई बढ़ेगी, राज्य सरकार को भी करोड़ों को नुकसान होगा एवं इससे सारी व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। कांट्रेक्ट फार्मिंग से किसान अपने ही खेत में मजदूर हो जाएंगे। उपभोक्ताओं को भी सामान महंगा मिलेगा, वहीं राज्यों को भी मंडी शुल्क नहीं मिलने से करोड़ों रुपयों का नुकसान होगा।
बैठक में सभी पार्षद एवं प्रत्याशी को वार्ड वॉर जवाबदारियां दी जा रही है जिससे अधिक से अधिक लोगो तक पहुंच कर हस्ताक्षर कराया जा सके। आज की बैठक में प्रदेश महामंत्री सीमा वर्मा, प्रदेश सचिव सुशील शर्मा, निगम सदस्य सतीश अग्रवाल,  महिला जिला अध्यक्ष गौरी भृगु, सुहेला ब्लॉक अध्यक्ष रामखिलावन शर्मा, ग्रामीण प्रभारी डॉक्टर अयाज फारुकी, पिंटू वर्मा,  न पा अध्यक्ष प्रतिनिधि सुनील गुप्ता, जिला महामंत्री अशोक तिवारी, जिला उपाध्यक्ष आलोक मिश्रा, अरुण यादव, नानू सोनी, महामंत्री प्रशान्त गाँधी, अयूब बांठिया, सभापति सुशील सबलानी, रोहित साहू, प्रमेन्द्र तिवारी, एल्डरमैन मुकेश साहू, गिरीश पारप्यानी,पार्षद प्रतिनिधि राजेन्द्र वर्मा, नवीन बक्स, लोकेश यादव, पवन यदु, दारा साहू, चंदू साहू, मनमोहन कुर्रे, राजा तिवारी, धर्मेंद्र खूँटे, हरि खरे, सतीश गेन्द्रे, गिरिराज, संतोष यादव,महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी बाई साहू, लक्ष्मी पांडे, शतरूपा वर्मा, प्रमिला साहू, एल्डरमैन कुमारी जंगड़े, निर्मला कोसले, रानी साहू, रानू, सहित कांग्रेस जनो की उपस्थिति रही।
कृषि बिल में तीन सबसे बड़ी खामियां
 विवाद सुलझाने में समय लगेगा : अब मंडियों में अनाज खरीदने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। पैन कार्ड के आधार पर खरीदी की जा सकती है। मंडी में खरीदी के दौरान विवाद होने पर अथॉरिटी के सामने बात होती थी, लेकिन अब विवाद होने पर सुलझाने में लंबा समय लगेगा।
राज्यों को नुकसान होगा : अब तक मंडी शुल्क राज्यों को मिलता था। इन रुपयों से राज्य में निर्माण कार्य होते थे, लेकिन अब सभी राज्यों को सैकड़ों करोड़ का नुकसान होगा। कांट्रेक्ट फार्मिंग करने पर समर्थन मूल्य से नीचे नहीं खरीदने का नियम डालना था। अब किसान अपने खेत पर ही मजदूर हो जाएगा।
कालाबाजारी से महंगाई बढ़ेगी : अब कितनी भी मात्रा में अनाज रखने की छूट मिल गई है। पहले जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जाती थी. लेकिन अब मुनाफाखोर अनाज के मूल्य का नियंत्रण करते हुए कृत्रिम अभाव पैदा करेंगे। जिससे दाम बढ़ेगा।

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