मेकाहारा के कम्यूनिटी मेडीसीन विभाग ने इस संबंध में रायपुर शहर में सर्वे कराया कि आखिर लोग मास्क क्यूं नही पहनते हंै। सर्वे के  अनुसार 32 प्रतिशत व्यक्ति कहते हैं कि वे गरीब है और मास्क खरीद नही सकते। जबकि वैज्ञानिक यह कहते हैं कि कपड़े के मास्क भी असरदार होते हैं। कुछ प्रतिशत व्यक्ति यह भी कहते हुए पाए गए कि मास्क से बीमारी नही रूकती, कुछ ने कहा कि गुटखा खाने के बाद थूकने में दिक्कत होती है, कुछ ने कहा संास लेने मे कठिनाई आदि- आदि । जितने मुंह ,उतनी बातें।
लेकिन अभी सबसे जरूरी यह बात याद रखना है कि मास्क ही फिलहाल हमारा हथियार है ,कोरोना से जंग में और यह जंग जीतनी ही होगी हमें ।