नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने के ये हैं नियम

नवरात्रि यानी मां दुर्गा के आशीर्वाद पाने का पर्व है। इन नौ दिनों में माता अपने भक्तों को सुख समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देती हैं। नवरात्रि में ज्वारे बोने के साथ ही मां की अखंड ज्योति भी प्रज्वलित की जाती है। नवरात्रि के दौरान जलाए जाने वाले दीपक यानि अखंड ज्योति को जलाने के कुछ नियम हैं।

अखंड ज्योति को आप जमीन की बजाय किसी लकड़ी की चौकी पर रखकर जलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बना लें। अखंड ज्योति को कभी भी गंदे हाथों से बिल्कुल भी छूना नहीं चाहिए।

अखंड ज्योति को कभी अकेले या पीठ दिखाकर नहीं जाना चाहिए।

अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप घर में अखंड ज्योति की देखभाल नहीं कर सकते हैं तो आप मंदिर में देसी घी अखंड ज्योति के लिए दान कर सकते हैं। अगर आपके पास ज्योति जलाने के लिए देसी घी नहीं है तो तिल का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

अखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि कलावे की लंबाई इतनी रखें कि ज्योति नौ दिनों तक जलती रहे।

अखंड ज्योति को शुभ मुहूर्त देखकर ही प्रज्वलित करना चाहिए। इसे प्रज्वलित करने से पहले इसमें आप बहुत थोड़े से चावल भी डाल सकते हैं।

अखंड ज्योति को देवी मां के दाईं ओर रखा जाना चाहिए । नवरात्रि समाप्त होने पर ही इसे स्वंय ही समाप्त होने देना चाहिए।

Leave a Reply