देसी कोरोना वैक्सीन को जल्द मिल सकती है तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत

नई दिल्ली। दुनियाभर के देश कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। भारत समेत कई देशों में तेजी से वैक्सीन का काम भी चल रहा है। लाखों लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। हालांकि किसी वैक्सीन को अब तक ग्लोबल अप्रूवल नहीं मिला है। रूस और चीन में लोगों के एक्सपेरिमेंट के तौर पर वैक्सीन देना शुरू किया गया है। दुनियाभर में 9 वैक्सीन ऐसी हैं जिनके तीसरे चरण का ट्रायल या तो शुरू हो गया है या फिर शुरू होने वाला है। समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि दूसरे चरण के परीक्षण के सुरक्षा और प्रतिरक्षा संबंधी आंकड़ों के आधार पर पहचानी गई उचित खुराक के साथ अध्ययन शुरू किया जाना चाहिए। इस प्रकार कंपनी को ऐसे संबंधित आंकड़े पेश करने चाहिए।
एक स्रोत ने कहा कि समिति ने अपनी चर्चा के दौरान यह भी गौर किया कि सभी समूहों ने टीका की खुराक को अच्छी तरह से सहन किया और अब तक कोई गंभीर प्रतिकूल घटना सामने नहीं आयी है।
उन्होंने कहा कि आम तौर पर इंजेक्शन लगाए जाने के स्थान पर दर्द की शिकायत सामने आई जिसका हल निकाल लिया गया है।
वैक्सीन की रेस में कौन आगे
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने जर्मनी की बायोएनटेक के साथ मिलकर जो वैक्सीन तैयार की है, उसके शुरुआती डेटा का एनालिसिस अगले दो महीने में होगा। इसी दौरान मॉडर्ना की वैक्सीन के डेटा का भी रिव्यू होगा। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और अस्त्राजेनेका की वैक्सीन भी फाइनल स्टेज में है। जॉनसन ऐंड जॉनसन की वैक्सीन भी ज्यादा पीछे नहीं है। चीन की तीन वैक्सीन फेज 3 ट्रायल में हैं लेकिन ग्लोबली उनपर कोई देश पक्का भरोसा नहीं कर रहा।
कब तक मिलेगी वैक्सीन को मंजूरी
वैक्सीन के ट्रायल्स का डेटा रेगुलेटर्स के पास जाएगा। अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों के वैक्सीन रेगुलेटर्स ने कहा है कि वैक्सीन की सेफ्टी सुनिश्चित करने के बाद ही अप्रूवल होगा। फाइजर-बायोएनटेक ने कहा है कि उसे इस महीने पता लग जाएगा कि उसकर वैक्सीन कितनी असरदार है। मॉडर्ना का डेटा अगले महीने तक आने की संभावना है। अस्त्राजेनेका ने भी अगले दो महीने में डेटा रिव्यू की बात कही है। अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने कहा है कि वे रिव्यू प्रोसस तेज करेंगे ताकि इमर्जेंसी यूज के लिए अप्रूवल दिया जा सके। यानी इस साल के अंत तक कोई वैक्सीन अप्रूव हो सकती है।
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