रायपुर। कोरोना महामारी का प्रकोप अभी भी बरकरार है। देश ही नही पूरा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है।परंतु भारत में इसका विकराल रूप आर्थिक क्षति के रूप में भी बड़े से छोटे स्तर तक देखी जा सकती है।इसका ज्यादा असर रोज़ी पर काम करने वाली महिला,जीवन यापन के लिए घरो में खाना बनाने का काम करने वाली महिलाएं,मजदूर वर्ग की महिलाएं इत्यादि पर हुआ है।कोरोना वायरस का इतना कहर है कि ये महिलाएं जहाँ काम करती थी वहाँ से इन्हें काम छोड़ना पड़ा। आज इस विषम परिस्थितियों में ये महिलाएं बहुत परेशान है। ना कोई काम है ना कुछ आवक है। आज 8 अक्टूबर को संस्था अवाम ए हिन्द सोशल वेलफेयर कमेटी के संस्थापक एवं समाज सेवक मोहम्मद सज्जाद खान के पास रायपुर राजधानी की कुछ परेशान महिलाएं आयी, एवं अपनी आप बीती बताने लगी।संस्थापक ने उन्हें एक हफ्ते का राशन(दाल चावल तेल प्याज़) की व्यवस्था करवाई। साथ ही महिलाओ को व्यवसाय व्यवस्थित करने के लिए एवं नए व्यवसाय देने की बात की।इस कोरोना काल के दरमियान अनलॉक के बाद से ही कुछ महिलाओं को संस्थापक मोहम्मद सज्जाद खान ने सब्जी-भाजी की व्यवस्था कर कारोबार करने को प्रोत्साहित किया है।संस्था पिछले कई वर्षो से गरीब असहाय महिलाओ ,पुरुषों को व्यवसाय का प्रबंधन करते आ रही है। साथ ही संस्था राज्य शासन से मांग करती है कि एसे मजबूर लोगो की मदद कर उन्हें इस मुसीबत के वक़्त जिंदगी कुशल बनाने में सहायता करे। संस्था ने पार्षद से भी मांग की है कि अगर कोई महिला पुरूष आपसे मदद मांगने आये तो उन्हें उचित राह प्रदान कर एवं आर्थिक मदद करें।
कोराना काल संक्रमण के चलते कामकाज महिलाओं को आर्थिक तंगी से निपटने अवाम ए हिन्द द्वारा द्वारा आत्म निर्भर बनाने का प्रयास
